दयालु राष्ट्रपति साबित हुई पाटील
नई दिल्ली। हमारी राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटील बहुत दयालु है। पिछले तीन दशक में जितने राष्ट्रपति रहे हैं पाटिल उनमें से सबसे ज्यादा दयालु साबित हुई है। राष्ट्रपति पाटील ने 23 की फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया।सूचना के अधिकार के तहत दायर याचिका के जवाब में राष्ट्रपति भवन ने बताया है कि नौ फरवरी को राष्ट्रपति ने झारखण्ड के सुशील मुर्मू की दया याचिका स्वीकार कर ली। यह 2004 से लंबित थी। बलि देने के आरोपी मुर्मू को मृत्युदंड की सजा दी गई थी जिसे राष्ट्रपति ने को उम्र कैद में तब्दील कर दिया है।1981 से अब तक 91 लोगों ने माफी के लिए राष्ट्रपति का दरवाजा खटखटाया। इनमें से 31 याचिकाएं मंजूर हुई। इनमें से 23 मौजूदा राष्ट्रपति के समय मंजूर हुई। सुभाष अग्रवाल के आवेदन के जवाब में बताया गया है कि राष्ट्रपति के पास अब कुल 18 दया याचिकाएं लंबित हैं। राष्ट्रपति पाटील ने अपवाद के तौर पर कुल पांच लोगों की दया याचिका नामंजूर कर दी। इनमें से तीन पूर्व राष्ट्रपति राजीव गांधी के हत्यारों की थी। इसके अलावा देविंदर पाल सिंह भुल्लर और महेंद्र नाथ दास के आवेदन खारिज किए गए हैं।
नई दिल्ली। हमारी राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटील बहुत दयालु है। पिछले तीन दशक में जितने राष्ट्रपति रहे हैं पाटिल उनमें से सबसे ज्यादा दयालु साबित हुई है। राष्ट्रपति पाटील ने 23 की फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया।सूचना के अधिकार के तहत दायर याचिका के जवाब में राष्ट्रपति भवन ने बताया है कि नौ फरवरी को राष्ट्रपति ने झारखण्ड के सुशील मुर्मू की दया याचिका स्वीकार कर ली। यह 2004 से लंबित थी। बलि देने के आरोपी मुर्मू को मृत्युदंड की सजा दी गई थी जिसे राष्ट्रपति ने को उम्र कैद में तब्दील कर दिया है।1981 से अब तक 91 लोगों ने माफी के लिए राष्ट्रपति का दरवाजा खटखटाया। इनमें से 31 याचिकाएं मंजूर हुई। इनमें से 23 मौजूदा राष्ट्रपति के समय मंजूर हुई। सुभाष अग्रवाल के आवेदन के जवाब में बताया गया है कि राष्ट्रपति के पास अब कुल 18 दया याचिकाएं लंबित हैं। राष्ट्रपति पाटील ने अपवाद के तौर पर कुल पांच लोगों की दया याचिका नामंजूर कर दी। इनमें से तीन पूर्व राष्ट्रपति राजीव गांधी के हत्यारों की थी। इसके अलावा देविंदर पाल सिंह भुल्लर और महेंद्र नाथ दास के आवेदन खारिज किए गए हैं।

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