बाल दिवस पर नन्द घर में हुए विशेष आयोजन
बाड़मेर।
जिले की गाँव-ढाणियों में स्वरुप ले चुके आंगनवाड़ी के डिजिटल अवतार नन्द घर में सोमवार को बाल दिवस विविध आयोजनों के साथ मनाया गया। कुछ स्थानों पर रैली के माध्यम से ग्रामीणों को बच्चों की शिक्षा और पोषण के प्रति जागरूक किया गया वहीँ अन्य स्थानों पर चित्रकला और मिटटी कलाकारी के ज़रिये बच्चों ने इनमे शिरकत की। 
बाल दिवस के कार्यक्रमों में बच्चों, आशा सहयोगिनियों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ साथ बायतु महाविद्यालय की उन छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई जो इस प्रोजेक्ट में स्वयंसेविका के रूप मेंमहत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
इन केन्द्रों का नया स्वरुप एक साझा स्थल है जिन्हें प्रतिदिन आधे समय बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित और शेष आधे समय महिलाओं के कौशल विकास केंद्र के रूप में चलाने का प्रस्ताव है । "इमारत भीशिक्षण का एक जरिया हो" यूनिसेफ की इस अवधारणा के अनुसार नंदघर की संरचना के भीतर कई विषयों को सीखने की सुविधा होगी जो रोचकता के कारण बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए सहयोगी होगी।
देश में अपनी तरह की पहली साझेदारी के रूप में महिला-बाल विकास मंत्रालय और वेदान्ता की ओर से देश भर में ऐसे मॉडल आंगनवाड़ी अगले दो साल में आरम्भ किए जायेंगे। भौतिक सुख सुविधाओं सेकोसों दूर सूदूर गाँवों के लिए बड़े शहरों के प्ले स्कूल जैसे 'नन्द घर' आंगनवाड़ी के अच्छे दिनों की तरफ पहला कदम साबित होंगे। 
भारत सरकार द्वारा एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत स्थापित एक सेवा वितरण इकाई के रूप में नन्द घर मौजूदा आंगनवाड़ी का ही आधुनिक विस्तार है । नन्द घर अनूठी निर्माण प्रौद्योगिकीका उपयोग करेगा और सौर पैनलों के माध्यम से बिजली, एक प्रेरक माहौल में ई-लर्निंग, स्वच्छ पीने के पानी आरओ के माध्यम से और मोबाइल चिकित्सा इकाइयों के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य लाभ सेबच्चों और महिलाओं को जोड़ेगा।

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