Good NEWS सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तैयार होंगे एक लाख स्वयंसेवक
जयपुर।  
राज्य के सातों संभागों के ग्रामीण और अद्र्धशहरी क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा जन जागरूकता अभियान की मुहिम को स्थायी बनाने के लिए हर ग्राम पंचायत में 10 स्वयंसेवक तैयार किए जाएंगे। परिवहन एवं सानिवि मंत्री यूनुस खान ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए राज्य के सभी जिला प्रमुखों एवं प्रधानों को ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों में स्वयंसेवकों को नामित करने एवं चलाए जाने वाले अभियान की व्यवस्थाओं में सहयोग का आग्रह किया है। ‘‘ राज्य में हर वर्ष करीब 25 हजार सड़क दुर्घटनाओं में करीब 10 हजार अमूल्य मानव जीवन असमय ही मौत का शिकार हो जाते हैं। वर्ष 2015 में सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए करीब 72 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्र से थे। अतः ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता के बिना इस भयावह आंकडे़ में कमी की बात बेमानी है, इसीलिए हमने पिछले दो वर्ष में शहरों के साथ ही सड़क सुरक्षा की मुहिम को पुरजोर तरीके से गांव-गांव तक पहुंचाया है। अब हम इस मुहिम में एक स्तर और बढाते हुए ग्रामीण क्षेत्र में इस अभियान को स्थायी बनाने के लिए प्रयासरत हैं। जब गांव के ही लोग स्वयंसेवक प्रशिक्षक बनकर वर्षभर सड़क सुरक्षा की भावना का प्रसार करते रहेंगे तो इसका प्रभाव भी स्थायी होगा। इसके अलावा हम वर्ष 2020 तक राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी के लिए कृत संकल्प हैं, इस लक्ष्य को भी अधिक से अधिक जनसहयोग और जनजागरूकता के साथ ही हासिल किया जा सकता है। सार्वजनिक निर्माण एवं परिवहन विभाग के माध्यम से राजस्थान सड़क क्षेत्र आधुनिकीकरण परियोजना (आर.आर.एस.एम.पी) के अन्तर्गत ग्रामीण एवं अद्र्धशहरी जनसामान्य के लिए सड़क सुरक्षा शिक्षा व जागरूकता अभियान राज्यभर में चयनित छह एन.जी.ओ. द्वारा संचालित किया जाएगा। अभियान के अन्तर्गत वर्षभर में हर पंचायत समिति मुख्यालय एवं ग्राम पंचायत मुख्यालय पर विभिन्न सड़क सुरक्षा गतिविधियों के एक दिवसीय आयोजन के दौरान ग्राम पंचायत में न्यूनतम दस स्वयंसेवकों को सड़क सुरक्षा का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये ग्रामीण स्वयंसेवक इस कार्यक्रम के बाद भी गांव में सड़क सुरक्षा अभियान को निरन्तर जारी रखेंगे। सभी हितधारक विभागों पीडब्ल्यूडी, परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, पुलिस विभाग के अधिकारी निर्धारित दिवस पर ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों पर उपस्थित रहकर इस अभियान में सहयोग करेंगे। सानिवि मंत्री श्री खान ने बताया कि हर संभाग के सौ विद्यालयों में भी सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। विद्यालयों का चयन एन.जी.ओ और शिक्षा विभाग के समन्वय से परिवहन विभाग के सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ द्वारा मिलकर किया जाएगा। बस व ट्रक चालकों के लिए भी प्रत्येक जिले में पांच स्थानों पर आधे दिन का प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। परिवहन मंत्री ने सभी जिला प्रमुख और प्रधानों को अभियान की समय-समय पर समीक्षा करते हुए उपयोगी सुझाव देने का भी आग्रह किया है। कार्य योजना की समीक्षा ग्राम पंचायतों एवं पंचायत समितियों में सड़क सुरक्षा शिक्षा व जागरूकता अभियान के सिलसिले में मंगलवार को प्रमुख शासन सचिव एवं आयुक्त परिवहन शैलेन्द्र अग्रवाल ने इन चयनित एन.जी.ओ की बैठक लेकर उनकी अभियान की कार्य योजना के हर बिन्दु की गहन समीक्षा की। अग्रवाल ने निर्देश दिए कि इन स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए हर एन.जी.ओ. कम से कम 10 प्रशिक्षक तैयार करे। इन प्रशिक्षकों एवं इन्हें प्रशिक्षित करने वाले प्रशिक्षकों (दक्ष अथवा मास्टर्स टे्रनर्स) की योग्यता, नाम आदि के साथ पूर्ण सूची मय मोबाइल नम्बर परिवहन विभाग के सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ में उपलब्ध रहे। उन्होंने यह भी निर्देशित किया था कि किसी भी ग्राम पंचायत में स्वयंसेवकों का चयन इस प्रकार हो कि हर ग्राम से कम से कम एक स्वयंसेवक आवश्यक रूप से तैयार हो। जहां 10 से अधिक ग्राम किसी ग्राम पंचायत में हों, वहां 10 से अधिक स्वयंसेवक तैयार किए जाएं। पायलट अभियान इसी माह चयनित एन.जी.ओ. द्वारा पूरे राज्य में चलाए जाने वाले सड़क सुरक्षा शिक्षा व जागरूकता अभियान हेतु मूल अभियान की कार्ययोजना, दिशा निर्देश, प्रचार सामग्री को अंतिम रूप देने के लिए 14 पंचायत समितियों और 35 ग्राम पंचायतों में पायलट अभियान इसी माह प्रारम्भ्म होंगे। इन अभियानों में सभी हितधारक विभागाेंं के अधिकारी मौजूद रहेंगे।

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