जियो मनरेगा से कामकाज की होगी बेहतर निगरानी : विकास अधिकारी चौधरी
बाड़मेर।
महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत निर्मित परिसम्पतियों के संधारण एवं परिणाम के संबंध में जीआईएस के क्रियान्वयन के लिए पंचायत समिति बाड़मेर और रामसर के कनिष्ठ अभियन्ता, कनिष्ठ तकनीकी सहायकों, ग्राम सेवको एवं ग्राम रोजगार सहायकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण पंचायत समिति सभागार मंे आयोजित हुआ। इस दौरान मनरेगा कार्याें की जियो टेगिग के विविध पहलूआंे से प्रतिभागियांे को अवगत कराया गया।
प्रशिक्षण के दौरान कार्यक्रम अधिकारी नवलाराम चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार के निर्देशाानुसार महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत पूर्ण कार्यो के मोबाईल एप्प के माध्यम से जियो टेगिंग की जाएगी। इसके लिए पंचायत समिति स्तर पर एमएसई और जीएएस के प्रशिक्षण के उपरांत पंचायत समिति बाडमेर और रामसर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संयूक्त कार्यशाला आयोजित की गई हैं। उन्हांेने कहा कि केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार इसके लिए इंटरैक्टिव सिस्टम तेैयार किया जा रहा है। इस संबंध में एसओपी दतंहंण्दपबण्पद पर उपलब्ध हैं। उन्हांेने कहा कि जीआईएस आंकडो का संधारण तीन चरणों में किया जाएगा। ग्रामीण रोजगार योजना की इस महत्वाकांक्षी योजना में अनियमितताआंे की शिकायतांे पर काबू पाने के लिए इस अत्याधुनिक प्रौधोगिकी का उपयोग किया जा रहा है। इस दौरान सहायक अभियन्ता रामलाल जैन ने जीआईएस बारे मे विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत होने वाले कामकाज की तस्वीरे लेने के लिए इसरो ने एक महत्वाकांक्षी योजना बनार्ह हैं। जियो मनरेगा के तहत कामकाज की बेहतर निगरानी के लिये इंडियन रिमोट सैंसिंग सेटेलाईट से हजारों हाई-रिजोल्यूशन तस्वीरे लेनी शुरू कर दी हैं जिन्हे जियो टैग किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यशाला में एमआईएस मैनेजर विनोद कुमार एवं लेखा सहायक ललित जैन ने एसजीएनओ, डीजीएनओ, जीएएस, एमएसई एवं जीपीडीसी के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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