बाबा की अवतरण तिथि भादवाशुक्ला बीज पर रामदेवरा में उमड़ा आस्था का ज्वार
रामदेवरा
जन-जन का आराध्य देव बाबा रामसापीर की अवतरण तिथि भादवा-षुक्ला बीज को प्रदेष के साथ ही अन्य पड़ौसी प्रांतों से कौने-कौने से पहुंचे बाबा के भक्तों का रुणैचा नगरी में ज्वार उमड़ पड़ा एवं संपूर्ण रामदेवरा नगरी आस्था में हिलौरे मारने लगी। कष्ट और पीड़ा की परवाह किए बिना ही कौसों दूरी से आए पैदल भक्तजनों ने बाबा की दूज पर समाधी के दर्षन कर अपने आपको धन्य महसूस किया।
632 वें भादवाषुक्ला बाबा रामदेवरा के मेले में बाबा की बीज को मंगला आरती के साथ ही बाबा के भक्तजन अपने ईष्टदेव की समाधी के दर्षन के लिए उमड़ पड़े एवं अपनी आस्था के साथ श्रृद्धा भाव से दर्षन किए एवं पूजा-अर्चना कर मनोयोग के साथ प्रसाद चढ़ाया। बाबा के भक्तों ने बाबा के जयकारों से पूरी रामदेवरा नगरी को गुंजायमान कर दिया।
देष के कौने-कौने से रामदेवरा पहुंचे पुरुष व महिला भक्तजनों से अपने बच्चों के साथ भीड़ की परवाह किए बिना ही भक्ति भावना के साथ बाबा की समाधी के दर्षन करने से पीछे नहीं रहे।
बाबा की बीज पर लगभग 5 किलोमीटर तक लम्बी-लम्बी लाईनें बाबा के भक्तों की लगी हुई थी एवं वे पूरी आस्था के साथ अपनी-अपनी बारी से कतार में खड़े होकर बाबा की समाधी के दर्षन का पुण्य लाभ ले रहे थे।
मेला मेला प्रषासन द्वारा कतारबद्ध खड़े दर्षनार्थियों के लिए पानी की समुचित व्यवस्था की गई। वहीं उन्हें सुगमतापूर्वक दर्षन करवाए जा रहे थे। रुणैचा नगरी में आस्था का ऐसा माहौल चारों ओर दिखाई दे रहा था जहां रामदेवरा नगरी में कौने-कौने में पसरे हुए थे। मेले में आए भक्तजन बरसात एवं पहली बार जलदाय विभाग द्वारा नहर के मीठे पानी से लबालब भरे पवित्र रामसरोवर तालाब में जहां डूबकी का आनंद ले रहे थे।
रामदेवरा में मेलार्थियों की भारी संख्या के कारण जहां देखो वहां रुणैचा नगरी में बाबा के भक्तजनों का रैला ही रैला नजर आ रहा है। वहीं बाबा का निज मंदिर रंग बिरंगी ध्वजाओं से लहरा रहा है। मेले में प्रषासन द्वारा किए गए पुख्ता प्रबंध का सुकून भी दर्षनार्थियों के कंठों से सराहा जा रहा है। मेले में उचित रैन बसेरों में मेलार्थी आराम करके अपनी थकान भी दूर कर रहे है।
मेलाधिकारी एवं उपखण्ड अधिकारी काषीराम चौहान ने बताया कि बाबा की बीज को एक मोटे अनुमान के अनुसार दो लाख से अधिक श्रृद्धालुओं नेेे बाबा की समाधी के दर्षन कर अपने ईष्ट देव की पूजा-अर्चना की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं मेला प्रभारी पुलिस कैलाषदान रतनू ने बताया कि मेले में कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस जाब्ता पर्याप्त मात्रा में तैनात एवं वे हर गतिविधि पर कड़े नजर रखे हुए हैं। वहीं रामसरोवर तालाब पर भी तैराकों की पुख्ता व्यवस्था की गई है।
विकास अधिकारी टीकमाराम चौधरी, सरपंच श्रीमती भूरीदेवी मीना ने बताया कि इस बार मेले में सफाई को ओर अधिक सुचारु बनाने के लिए 6 जौन में विभक्त करके पर्याप्त मात्रा में सफाई कर्मचारी लगाकर सफाई को अंजाम दिया जा रहा है एवं मेले में आने वाले मेलार्थियों को सफाई व्यवस्था का सुकून भी मिल रहा हैं। इस बार कतार में खड़े बाबा के भक्तजनों के लिये मीठे पानी की उचित व्यवस्था की गई है एवं उन्हें मीठा पानी मनुहार करके पिलाया जा रहा है वहीं मेले में आने वाले श्रृद्धालुओं के लिए मीठे पानी की समुचित व्यवस्था की गई है।
उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मुरलीधर सोनी नें बताया कि मेलार्थियों के लिए चिकित्सा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं एवं उन्हें उपचार की व्यवस्था की गई है। जहां बीमार मेलार्थी अपना निःषुल्क उपचार करवा रहे है।
मेले में की गई प्रषासनिक एवं पुलिस प्रबंध के कारण बाबा के भक्तजन अपनी बारी के अनुरुप अपने ईष्टदेव बाबा रामसापीर की समाधी के दर्षन कर प्रसाद चढ़ाया। पैदलयात्री अपनी सभी पीड़ाओं को भूल कर वे भी पूर्ण मनोभावना के साथ बाबा के दर्षन किए वहीं यहां आए मेलार्थियों ने बाबा की अनन्य भक्त दलितोद्वारक डालीबाई के भी दर्षन किए और चमत्कारी कंगन में से गुजर कर अपनी मन्नत पूरी की वहीं उन्होंने परचा बावड़ी व बाबे का झूला-पालना ,गुरुद्वारा के भी दर्षन करने से वंचित नहीं रहे।
मेले के दौरान मेलाधिकारी चौहान ,सहायक मेलाधिकारी एवं आर.ए.एस प्रषिक्षु रविन्द्र कुमार , तहसीलदार नारायणगिरी , विकास अधिकारी टीकमाराम चौधरी ,उप अधीक्षक पुलिस नानकसिंह ने आर.सी.पी गौदाम एवं रेल्वे क्रोसिंग से आगे लगी बाबा के भक्तों की कतारों तक जाकर वहां की बैरीकेटिंग , छाया व पानी की उचित व्यवस्था करायी वहीं रोषनी की भी उचित व्यवस्था की।
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