सीमा पर जवानों की कलाइयों पर बांधी राखियां
बाड़मेर 
भीष्म पितामह के उद्घोष ‘देश की सीमाएं माता के वस्त्रों के समान होती हैं, जिनकी रक्षा करना संतान का पहला कर्तव्य है’ को ध्येय मानने वाले संगठन सीमाजन कल्याण समिति के कार्यकर्ता गत १५ वर्षों से प्रत्येक रक्षाबंधन पर भारत-पाकिस्तान सीमा की अग्रिम चौकियों पर तैनात सीमा प्रहरियों की कलाइयों पर रक्षासूत्र बांधने पहुंच रहे हैं। इस बार भी जैसलमेर सहित पश्चिमी राजस्थान के सभी सीमांत जिलों बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर, गंगानगर और हनुमागनढ़ में समिति के कार्यकर्ताओं की टोलियां सीमा सुरक्षा बल की सीमा पर बनाई गई सभी सीमा चौकियों (बीओपी) पर जाकर जवानों के साथ रक्षाबंधन का पवित्रत्योहार मनाएंगे। कार्यकर्ताओं की प्रत्येक टोली में बालिकाएं भी शामिल होंगी।
गुरुवार को पीसीसी सचिव शम्मा खान ने मुनावाब सीमा चौकी पर फौजी भाइयो के रक्षासूत्र बाँध कर सीमा की रक्षा करने वालों का फौजी भाइयो का आभार जताया। इस दौरान पूर्व राज्यमंत्री गफूर अहमद, मेघाराम गढ़वीर सहित कांग्रेसी नेता भी उपस्थित रहे।
सीमा जन कल्याण समिति ने जवानों के बांधी राखियां
जिले के सीमावर्ती क्षेत्र की प्रत्येक चैकियों पर सीमा जन कल्याण समिति बाड़मेर की ओर से रक्षा बंधन का पावन पर्व जवानों के साथ मनाया गया। इस दौरान समिति के पदाधिकारियों प्रांतीय उपाध्यक्ष ओ.पी.चंडक, अध्यक्ष भंवरसिंह सोढ़ा, अपना संस्थान के अध्यक्ष ताराचंद जाटोल, आदर्श विद्या मंदिर की बहनों ने बीएसएफ मुख्यालय पर जाकर जवानों की कलाइयों पर राखियां बांधी, वहीं एक-दूसरे को मिष्ठान खिलाकर रक्षा बंधन उत्सव मनाया गया। इस दौरान सघन वृक्षारोपण किया गया।
सीमा जन कल्याण समिति के अध्यक्ष भंवरसिंह सोढा ने बताया कि जिले के सीमावर्ती क्षेत्र गडरा, मुनाबाव, अकली, तामलोर, जयसिंधर में तेजाराम व नीम्बसिंह सोढ़ा, पांचला, रोहिला, सुंदरा में अध्यक्ष भंवरसिंह सोढा व छतरसिंह, रामसर तहसील के गागरिया, भिण्डे का पार, सजन का पार में दयाराम, हरजीराम व छोटूसिंह, चैहटन के केलनोर, बिजावल, नेतराड़, धनाउ, स्वरूपे का तला में बाबूलाल, अशोक कुमार, कमलेश कुमार, सेड़वा, भंवार, हरपालिया, जानपालिया में बगताराम, पृथ्वीसिंह, अनन्त कुमार, बाखासर, नवातला, मोती की बेरी, कुंभारो की ढाणी में हरीसिंह सहित बहिनों के नेतृत्व में लगभग 22 टोलियों ने समस्त 64 उप सीमा चैकीयों में जवानों के साथ रक्षा बंधन का पर्व मनाया तथा सीमावर्ती क्षेत्र के पिछड़ी बस्तियों में जाकर उनके साथ रक्षा बंधन मनाया गया। सीमा सुरक्षा बल के मुख्यालय बाड़मेर में प्रांतीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश चंडक, अपना संस्थान के अध्यक्ष ताराचंद जाटोल, विद्या भारती से मनोहरलाल, सेवा भारती से नारायणदास राठी, राजनीतिक क्षेत्र से मोहनलाल कुर्डिया के नेतृत्व में रक्षा बंधन का पावन पर्व मनाया गया। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ चालक पुखराज गुप्ता ने देश भक्ति के गीत ‘युगों से युगों से चली आई ये परिपाटी है, खून दिया है पर नहीं दी देश की माटी‘ की प्रस्तुति दी। मनोहरलाल बंसल ने सीमा जन कल्याण समिति द्वारा जारी रक्षा बंधन संदेश पढ़कर सुनाया तथा प्रांतीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश चंडक ने सीमा जन कल्याण समिति के उददेश्यों व कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवान सीना तानकर दुश्मन के सामने खड़े रहते है और जवानों की पीठ को मजबूत करने का कार्य सीमा जन कल्याण समिति के कार्यकर्ता कर रहे है। सीमा क्षेत्र में अवांछित गतिविधियों को रोकने व राष्ट्रीय भावना जागृत करने के लिए तथा समय-समय पर जवानों का मार्ग दर्शन का कार्य करते है तथा देश में पनप रहे आतंकवाद, असामाजिक तत्व तथा सीमा क्षेत्र में देशद्रोही गतिविधियों को रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों में जन जागरण व उनमें राष्ट्रीयता भावना बढ़ाने व सांस्कृृतिक मूल्यों की रक्षा के बारे में जागृत किया जा रहा है, ताकि प्रत्येक गांव में सीमा जन कल्याण समिति के कार्यकर्ता गांव इकाई के रूप में कार्य कर सकें। कार्यक्रम के अंत में बीएसएफ के डीआईजी गौतम ने अपने उद्बोधन में कहा कि बीएसएफ के जवान सीमावर्ती क्षेत्र में लोगों के सुख दुख में हरदम तैयार रहते है तथा उन्होंने सीमा जन कल्याण समिति के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत अब किसी भी ताकत के सामने झूकने वाला नहीं है। आतंकवादियों व देशद्रोहियों को कूचलने में बीएसएफ सक्षम है। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को आहान किया कि वे बिना भय मुक्त होकर कार्य करें, हमारे जवान 24 घंटे आपकी सुरक्षा के लिए हरदम तत्पर रहते है। अतः में अपना संस्थान के अध्यक्ष ताराचंद जाटोल ने पर्यावरण के संबंध में तथा सीमावर्ती क्षेत्र में अधिक से अधिक पेड़ लगाने, विदेशी सामान का बहिष्कार करने, स्वदेशी सामान अपनाने का आग्रह किया। बीएसएफ के कंपनी कमांडेंट मि. कपूर ने कहा कि जवानों की कलाइयों पर विभिन्न संगठनों की ओर से राखियां बांधकर जो हौंसला अफजाई कर अपनेपन का भाव भरा है, इसके लिए बीएसएफ तहेदिल से धन्यवाद ज्ञापित करता है तथा सीमावर्ती क्षेत्र में अधिक से अधिक पेड़ लगाने व पर्यावरण के शुद्धिकरण का कार्य निरन्तरण किया जा रहा है। इस संबंध में जो भी संगठन आगे आते है, उनको बीएसएफ की ओर से पूर्ण सहयोग दिया जाएगा। 

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