बाड़मेर विधायक जैन के विरुद्ध दर्ज एफआईआर के मामले में सरकार से किया जवाब तलब
बाड़मेर/जोधपुर
राजस्थानहाईकोर्ट ने बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन की याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है तथा उनके विरुद्ध जांच में पुलिस को गिरफ्तार या अन्य कड़ी कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जैन को पुलिस जांच में सहयोग के लिए कहा है।

सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि इस संबंध में 2 सितंबर 2002 को कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में किए गए निर्णय के अनुसार ही नियमन किया गया है। 20 मई 2003 में इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज करवाई गई थी, जो जांच में झूठी पाई गई। एसीबी ने भी ऐसे ही मामले में किसी तरह के ऑफेंस बनने से इनकार किया था और कहा था कि पॉलिसी के अनुरूप ही नियमितिकरण किया गया है।
सिंघवी ने कहा कि लोकायुक्त ने भी वर्ष 2006 को ऐसे एक परिवाद को खारिज कर दिया था। इस मामले में दायर एक जनहित याचिका को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 50 हजार रुपए की कॉस्ट के साथ खारिज किया था, जो सुप्रीम कोर्ट से बहाल रही। उन्होंने कोर्ट से कहा कि राजनीतिक द्वेषता की वजह से क्षेत्रीय सांसद सोनाराम के कहने पर यह एफआईआर दर्ज करवाई गई है, उसकी इस तथ्य से भी पुष्टि होती है कि गत 19 जुलाई 2016 को परिषद के कमिश्नर ने यह कहते हुए इस मामले में कहा कि जैन के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि हाईकोर्ट ने इस मामले में पीआईएल खारिज कर दी थी। इसके बाद उसी कमिश्नर ने गत 9 अगस्त को एफआईआर दर्ज करवा दी। जस्टिस पीके लोहरा ने याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अगली सुनवाई 5 सितंबर को मुकर्रर की है। साथ ही पुलिस को गिरफ्तार या कड़ी कार्रवाई नहीं करने तथा जैन को पुलिस जांच में सहयोग के निर्देश दिए हैं।
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