बाड़मेर में दलितों का महापड़ाव 10 वें दिन भी जारी, मानव श्रंखला बना कर किया प्रदर्शन

एससी आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लगाई न्याय की गुहार
बाड़मेर
दलित उत्पीड़न के मामलों मे नाइंसाफी के खिलाफ कलक्टर कार्यालय के बाहर चल रहा महापड़ाव 10वें दिन भी शुक्रवार को जारी रहा। बड़ी संख्या मे एकत्रित दलित समुदाय के लोगों व महिलाओं ने मानवश्रंखला बना कर जोरदार विरोध जताया और प्रदर्शन कर न्याय की गुहार लगाई। दलित अत्याचार निवारण समिति के संयोजक उदाराम मेघवाल ने बताया कि भारी बारिश के बावजूद भी 28 आपराधिक प्रकरणों मे वास्तविक अभियुक्तों की गिरफ्तारी नही किए जाने के विरोध मे चल रहे महापड़ाव की प्रशासन एवं सरकार द्वारा घोर अनदेखी की जा रही है।
कमठा मजदूर यूनियन के अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा ने बताया कि शुक्रवार को महापड़ाव स्थल से मानव श्रंखला बना कर दलितों ने नारेबाजी की और जिला परिषद की बैठक के बाहर विरोध जताया। उन्होने बताया कि दलितों पर दमन ढाहने वाले अपराधियों को पकड़ने की मांग को लेकर चल रहे इस प्र्रदर्शन के लोग परिषद भवन तक नारेबाजी करते पहुंचे लेकिन उसमे बैठे एक भी जनप्रतिनिधि ने बाहर आकर ज्ञापन लेने की जहमत नही उठाई जो कि दलितों पर राजनीति करते आये है। उन्होने बताया कि इस बैठक मे सभी दलों के जनप्रतिनिधि एवं यहां तक दलित समाज के जनप्रतिनिधि भी बैठे थे लेकिन किसी ने बाहर आकर न्याय का भरोसा तक नही दिया। इस पर आंदोलनकारियों ने गहरा रोष जताया।
संयोजक मेघवाल ने बताया कि शुक्रवार को एससी आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीएल पुनिया से बातचीत कर उनके निर्देशों पर आपराधिक घटनाओं की विस्तृत जानकारी उन्हें भेजी गई। आयोग से दखल की मांग करने पर उन्होने आश्वास्त किया कि वे जल्दी ही बाड़मेर का दौरा करेंगे तथा सरकार स्तर पर वार्ता कर न्याय सुनिश्चित करवाने की कार्यवाही करेंगे। उन्होने सीमावर्ती बाड़मेर जिले मे लगातार बढ रही इस तरह की घटनाओं की निंदा भी की।
धरना स्थल पर दिनेश कुलदीप ने अपने सम्बोधन मे कहा कि दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बर्दाश्त नही की जायेगी। श्रवण कुमार सेजू, चैनाराम परिहार, श्रमिक नेता रामदास सांगेला, आचार्य रूपाराम नामा, मांगाराम मंसूरिया, कच्ची बस्ती प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भैरूसिंह फुलवारिया, पोस्ट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरिरराम जसोल, छगन मेगवाल, डाॅ. राहुल बामणिया, भूराराम भील ने अपने सम्बोधन मे कहा कि पुलिस एवं प्रशासन की अनदेखी अनुचित हैं जिससे दलित समाज मे आक्रोश बढता जा रहा है। शुक्रवार को महापड़ाव स्थल पर किशनाराम बुराहन का तला, टाभाराम देदूसर, कानाराम बालवा, ताम्बलाराम, चेतनराम खुडानी, प्रतापाराम धनाउ, टाउराम माहबार, पूर्व सरंपच छुगाराम, बांकाराम नामा, गोकलाराम भुरटिया, जगदीश पंवार, गाजी खां, भंवर अणखिया, शेराराम जूना, करनाराम मारूडी, मनसाराम बादी, मूलाराम गांधव, राउराम पंवार, आंबाराम उण्डखा, तगराज नामा, नरेन्द्र नामा, रामाराम बामणिया, शिवाराम भीमडा सहित कईं लोग उपस्थित रहे।

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