बिना सैफ्टी उपकरण सफाईकर्मियों से काम करवाने पर होती कार्यवाही  
जयपुर।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि सफाईकर्मियों से बिना सुरक्षा उपकरण नाली, सीवर, सैफ्टी टेंक आदि कार्य कराने पर संबंधित एजेन्सी एवं ठेकेदार के खिलाफ हाथ से मैला ढ़ोने वाले कार्मिकों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम 2013 की धारा 16 के तहत कड़ी कार्यवाही की जायेगी। डॉ. चतुर्वेदी गुरूवार को शासन सचिवालय में हाथ से मैला ढ़ोने वाले कार्मिकों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम के क्रियान्विति के लिए गठित राज्य स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने सफाई कर्मियों को सभी सुविधायें मिलें, इसके लिए सभी विभागों को मिलकर कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने स्वायत्त शासन विभाग को शहरी क्षेत्र में एवं पंचायती राज विभाग को ग्रामीण क्षेत्र में मैला ढोने वाले कार्मिकों का फिर से सर्वे करने के निर्देश देते हुए कहा कि कहीं सफाई कर्मी कार्य करता है उसे नियमानुसार सहायता दिलाने के साथ पुनर्वास कराने का प्रयास किया जाये। उन्होंने स्वायत्त शासन विभाग को निर्देश दिये कि शहरी क्षेत्र में कच्ची बस्तियों में ज्यादा से ज्यादा सामुदायित शौचालयों का निर्माण करायें। उन्होंने पूर्व में चिन्हित सफाई कार्मिकों की सूची को ऑनलाईन अपग्रेडेशन करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिनियम के तहत सफाई कार्य करते हुए किसी कार्मिक की मृत्यु हो जाती है तो उसे 10 लाख रुपये मुआवजा कार्य कराने वाली एजेन्सी एवं ठेकेदार देगा। इसके अलावा उस पर अपराधी प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही भी की जायेगी। उन्होंने जिला कलेक्टर स्तर पर 15 दिन में बैठक कर, सफाई कार्मिकों की सुविधाओं पर विशेष मानीटरिंग करने पर जोर देते हुए कहा कि स्वायत्त शासन विभाग को शहरी क्षेत्र में एवं पंचायती राज विभाग को ग्रामीण क्षेत्र में मैला ढोने वाले कार्मिकों की सुरक्षा के कारणाें की प्रभावी निगरानी के लिए अधिनियम के तहत तत्काल प्रभाव से निरीक्षक नियुक्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। डॉ. चतुर्वेदी ने पुलिस विभाग को निर्देश दिये कि अधिनियम को लागू कराने एवं सफाई कर्मियों के साथ होने वाले शोषण की रोकथाम के लिए कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी को यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के तहत वेतन मिलना चाहिये। इस अवसर पर राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सचिव टीकाराम मीना ने कहा कि बिना सुरक्षा उपकरण के सफाई कार्मिकों से काम कराना एक अपराध माना है। उन्हाेंने सफाई कार्मिकों को न्यूनतम मजदूरी दिलाने पर जोर देते हुए कहा कि ठेकेदारों द्वारा किये जाने वाले सफाई कर्मियों के शोषण की रोकथाम के लिए जागरूकता के विशेष प्रयास किये जाये। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिये कि अधिनियम के तहत सफाई कार्मिकों के प्रति पूरी संवेदनशील होकर कार्य किया जाये। राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष श्री गोपाल पचरेलवाल ने सफाई कर्मियों की चिकित्सा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव डॉ. आर. वेंकटेश्वरन् ने कहा कि हाथ से मैला ढोने वाले कार्मिकों के लिए बने अधिनियम की पालना के लिए विशेष प्रयास किये जायेंगे। विभाग के निदेशक रवि जैन ने कहा कि काम करने वाले सफाई कर्मियों के सुरक्षा के लिए आकस्मिक निरीक्षण किये जायेंगे। स्वच्छ भारत अभियान की आयुक्त श्रीमती आरूषि मलिक ने बताया कि राज्य में स्वच्छ भारत अभियान के तहत राज्य में शौचालय बनाने का कार्य त्वरित गति से किया जा रहा है। इसी प्रकार स्वायत्त शासन विभाग के मुख्य अभियंता के.के. शर्मा ने बताया कि राज्य में 1500 शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालय बनाने का लक्ष्य है। अब तक 141 शौचालय बनाये जा चुके हैं व 40 का कार्य प्रगति पर चल रहा है। इसी प्रकार 5 लाख व्यक्तिगत शौचालय बनाने का कार्य प्रगति पर है। 

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