बाड़मेर गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित करना दुर्भाग्यपूर्ण-बेडेरा 
बाड़मेर
गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित करना दुर्भाग्यपूर्ण यह बात कमठा मजदूर यूनियन बाड़मेर के अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा ने छीतर का पार ग्राम पंचायत मुख्यालय पर आयोजित कमठा मजदूर यूनियन की सभा को सम्बोधित करते हुए कही। बडेरा ने कहा कि वर्ष 2011 में सर्वे करने वाले कर्मचारियों ने मिलीभगत करके साधन सम्पन्न लोगों के नाम सर्वे मंे लिखकर सूची बनाई तथा गरीब मजदूर को सूची में शामिल नहीं करके घोर अन्याय किया। मजदूर नेता ने कहा कि बाड़मेर जिले की 17 पंचायत समितियों को 489 ग्राम पंचायतों में 24 अप्रैल को ग्राम सभा आयोजित हुई जिसमें 2011 की सूची के अनुमोदन के अलावा कच्चे घरों में रहने वाले एक कमरे में रहने वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल करने का राज्य सरकार ने आदेष दिया मगर सरपंचों की हड़ताल के कारण सरपंचों ने जनता को सूचना तक नहीं दी और वांछित गरीब बच्चे झौंपों में रहने वाले और पक्के घरों का सपना रखने वाले और पक्के घरों का सपना रखने वाले गरीबों की सूची अधिकांष ग्राम पंचायतों ने नहीं बनाई जिससे गरीब मजदूर प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित है। मजदूर नेता ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना व अटल पेंषन योजनाओं को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे मजदूर वर्ग को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। मजदूर नेता ने कहा कि मजदूर नषावृति से दूर रहे नषे से मानव की नस्ल बरबाद हो रही है। मानव शक्ति क्षीण हो रही है। षिक्षा के मूल मंत्र को अपनाकर समाज गांव व जिले को रोषन करने का आह्वान करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सरपंच बांकाराम चौधरी ने कहा कि मजदूरों को पंजीयन कराकर श्रमिक कल्याण मण्डल की योजना का लाभ उठाना चाहिये। महामंत्र नारायणसिंह दहिया ने कहा कि मजदूर वर्ग यूनियन के साथ जुड़कर अपने परिवार का आर्थिक विकास कर प्लास्टर वर्ग अध्यक्ष गुलाबाराम बोचिाय ने कहा कि यूनियन हर मजदूर के बच्चो को छात्रवृति देकर आर्थिक स्थिति मजबूत करना चाहते है। कोसरिया सरपंच ने मजदूरों को पंजीयन कराने से मजदूर कल्याण मण्डल की योजना का लाभ मिलता है। हुडो की ढाणी सरपंच माणकजी, कमठा मजदूर यूनियन छीतर का पार ने कहा कि सभी संगठित रहकर आगे बढे। इस मौके पर उपाध्यक्ष सागराराम व बायतु अध्यक्ष छगनलाल के साथ अर्जुनराम प्रजापत, सागराराम उपाध्यक्ष, बांकाराम सरंपच, दीपसिंह पंवार, लाधूराम प्रजापत, सालूराम प्रजापत, आसूराम प्रजापत, पनाराम मेघवाल, बुधराराम गोदारा, किस्तुराराम प्रजापत, ईषाराम मंगल, भाखराराम गवारिया, वीरमाराम संासी, कुंभाराम प्रजापत, मोहनराम मेघवाल, हाथीराम देषान्तरी, नेनाराम प्रजापत, चौथाराम, भैराराम सोनी के साथ महिला श्रमिक भी उपस्थित रहे।

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