बाड़मेर अध्ययन के साथ कला से जुड़ाव जरूरीः दाधीच
बाड़मेर
बच्चां को अध्ययन के साथ अपनी रूचि के अनुसार पेंटिंग, नृत्य एवं अन्य विभिन्न विधाआें से जुड़ना चाहिए। यह उनकी मानसिक, बौद्विक एवं कल्पनाशीलता की वृद्वि में सहायक होती है। अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक सुरेश कुमार दाधीच ने यह बात बुधवार को रिच हाबी क्लासेज में बच्चां की ओर से बनाई गई विभिन्न प्रकार की ड्राइंग का अवलोकन करते हुए कही।
इस अवसर पर दाधीच ने कहा कि जिस तरह से रंगां का जीवन में बहुत महत्व है, उसी तरह से पेंटिंग में सही ढ़ग से रंग भरना भी महत्वपूर्ण है। रंगां का सही समावेश नहीं होने पर बनाई गई ड्राइंग सही नहीं बन पाती। दाधीच ने इस दौरान क्लासिकल डांस क्लास का अवलोकन करते हुए कहा कि वैसे तो समस्त प्रकार के नृत्यां का अपना महत्व है, लेकिन क्लासिकल नृत्य सबसे महत्वपूर्ण है। इस नृत्य सभी नृत्यां का आधार हैं। भारतीय नृत्य शैली में कत्थक सबसे प्राचीन शैली है। उन्हांने कहा कि हाबी क्लासेज में बच्चे जो भी सीखे, उसे पूरी ईमानदारी एवं मेहनत से सीखे, ताकि भविष्य में अपना नाम रोशन कर सके। रिच हाबी क्लासेज की संचालिका एवं प्रशिक्षिका श्रीमती उषा पुरोहित ने बताया कि क्लासेज में बच्चां एवं महिलाआें को नृत्य,ड्राइंग, मेहंदी, कुकिंग, एम्ब्रोइडरी, साफ्ट टायज बनाना सिखाया जाता है। ड्राइंग में पेसिंल स्केचिंग, आइल पेटिंग, मेहंदी में ब्राईडल के मेहंदी लगाना सिखाया जाता है। नृत्य एवं पेटिंग सीख रही प्रियंका, गुंजन, भूमिका, नक्षत्री एवं अशोक ने बताया कि गर्मी की छुटिटयां में कुछ नया सीखकर बहुत ही खुश है।

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