बाड़मेर खुफिया पुलिस ने कहा, जासूस नहीं है डाककर्मी
बाड़मेर/जयपुर
पाकिस्तान के लिए जासूसी मामले की जांच करने वाली खुफिया पुलिस ने अब मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट जयपुर की अदालत में कहा कि पाकिस्तान भेजे गए ई-मेल डाककर्मियों ने बदनियती से नहीं भेजे थे। उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि मेल किसी पाकिस्तानी जासूस को जा रहा है। जांच अधिकारी की रिपोर्ट पर अदालत ने सभी आरोपितों को रिहा करने का आदेश दिया। जासूसी का आरोप में गिरफ्तार डाककर्मी 77 दिन से जेल में हैं।
छद्म नाम से आए कॉल में उलझ गए
उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार जासूस एजाज ने बताया कि सेना की जानकारी लेने के लिए राजस्थान के जासूसों को मोटी रकम देते हैं। राजस्थान के जासूसों से सेना की जानकारी ली जा रही है। इस पर बालोतरा डाकघर में कार्यरत पोस्टमाटर चिमनाराम दहिया और डाक सहायक इस्लामुद्दीन को थानाधिकारी नवनीत ने 2 फरवरी को गिरफ्तार कर दस दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था। 
आरोपित इकरामुद्दीन के पास 3.10 लाख रुपए भी बरामद किए गए। मामले की जांच सीआईडी के डिप्टी एसपी मोतीलाल को दी गई। पड़ताल में जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि आरोपितों के पास से छद्म नाम से फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को भारतीय सेना का मेजर अरविंद होना बता पोस्टमास्टर को गलती से उनकी एक पोस्ट डाकघर में आने की जानकारी दी। 
साथ में अरविंद ने कहा कि यह पोस्ट उसे ई-मेल पर भेज दें। इस पर पोस्ट मास्टर ने 10 नवम्बर-2015 को 19 पेज और 8 दिसम्बर-2015 को 34 पेज स्कैन कर ई-मेल पर भेजे थे। जांच अधिकारी ने बताया कि इस्लामुद्दीन के पास मिले 3.10 लाख रुपए में 1.80 लाख रुपए कादिर भाई से मकान खरीदने के लिए लाया था। अन्य राशि उसकी खुद की थी। आरोपितों की अपराध करने की बदनियती नहीं थी। दोनों आरोपित गिरफ्तार हुए, तब से जेल में बंद है।
फुटपाथ से खरीदा खुफिया कैमरा
गिरफ्तारी के समय बालोतरा में आरोपित के पास मिले खुफिया कैमरे के बारे में सीआईडी ने बताया था कि आरोपित ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। पहले कहा, उपहार में मिला है, फिर बोला-नया खरीदा है, अभी खोला ही नहीं। अब जांच में फुटपाथ से खरीदना बताया गया है।
दो आरोपित पकड़े गए थे पोकरण में
पोकरण में एक फरवरी को पकड़े डाक विभाग के पोस्टमास्टर किशन लाल देवपाल व लिपिक नरेंद्र कुमार को भी कोर्ट ने सीआईडी के जांच अधिकानी सब इंस्पेक्टर विनय कुमार व्यास के प्रार्थना पत्र पर रिहा करने के आदेश दिए।
आर्मी हैडक्वार्टर के नाम की फर्जी आईडी का इस्तेमाल
पाक इंटेलिजेंस ने आर्मी हैडक्वार्टर के नाम से जी मेल पर मेल आईडी बना पश्चिमी सरहद पर आर्मी मूवमेंट से संबंधित सामरिक सूचनाएं जुटाई। पाक इंटेलिजेंस ने पोकरण के डाककर्मी की ओर से 300 रुपए की मांग करने के बावजूद उसके खाते में 3000 रुपए जमा करवाए।
इंटेलिजेंस ब्यूरो में लगी थी नौकरी
पोस्ट मास्टर चिमनाराम सराहनीय कार्यों के लिए 3 बार सम्मानित भी हो चुका है। वर्ष 2013 में पोस्ट मास्टर जनरल जोधपुर ने एनुअल डेजर्ट रत्न अवार्ड से भी सम्मानित किया। वहीं 2013 के स्वतंत्रता दिवस पर चौहटन तहसीलदार ने सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया। बाद में इसका तबादला बालोतरा मुख्य डाकघर में हो गया। यहां कम्प्यूटर सीडिंग के कार्यों को लेकर वर्ष 2014 के गणतंत्र दिवस समारोह में उपखंड अधिकारी ने भी सम्मानित किया। इस्लामुद्दीन की दो साल पहले ही डाक विभाग में नौकरी लगी थी। इस्लामुद्दीन की इंटेलिजेंस ब्यूरो में नौकरी भी लगी थी, लेकिन पोस्टिंग असम में होने से उसने रुचि नहीं दिखाई।

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