कल आएगा रेल बजट, देश और रेल हित में होगा रेल बजट 
नई दिल्ली।
मोदी सरकार के अपने तीसरे रेल बजट में सुधारों को संस्थागत जामा पहनाते हुए देश में आगामी 15 साल में रेलवे के विकास का एक दृष्टिपत्र \'विजन 2030\' पेश किए जाने की संभावना है जिसमें रेलवे के कायाकल्प का पूरा रोडमैप होगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल बजट 2016-17 को बुधवार को अंतिम रूप दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रेल बजट देश हित और रेल हित में होगा। प्रभु गुरुवार दोपहर 12 बजे लोकसभा में रेल बजट पेश करेंगे।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन की वजह से 32 हजार करोड़ रुपए के भार और भारतीय जीवन बीमा निगम तथा जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाइका) द्वारा दिए जा रहे ऋण के कारण लगभग दस हजार करोड़ रुपए के भुगतान के दबाव को संतुलित करने के लिए बजट में राजस्व अर्जन के नए मॉडल पेश किए जाने की संभावना है।
बजट में यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखते हुए सुधारों की पटरी पर ही आगे बढ़ाने तथा यात्री किरायों में वृद्धि से बचते हुए मालवहन, पार्सल, विज्ञापन और खानपान व्यवस्था की नई नीतियों के माध्यम से राजस्व बढाने पर ध्यान दिए जाने की संभावना है। रेलवे के सूत्रों के अनुसार इस बार के रेल बजट में दोहरीकरण, तिहरीकरण, विद्युतीकरण, सिगनल एवं संचार आधुनिकीकरण जैसी क्षमता वृद्धि की नई योजनाओं की घोषाणाओं के साथ मोबाइल के जरिए संपूर्ण भारत के अनारक्षित टिकट की सुविधा एवं अन्य आईटी सेवाओं का विस्तार किए जाने की संभावना है।
रेलवे परिचालन के पूर्ण कंप्यूटरीकरण का अगले चरण में विस्तार करते हुए मालगाड़यिों को मुख्य मार्गों की बजाय वैकल्पिक मार्ग से भेजे जाने की नई प्रणाली की घोषित किए जाने की उम्मीद है। प्रमुख रेल मार्गों पर तकनीकी उन्नयन करके उस पर गाड़यिों की रफ्तार में दस किलोमीटर प्रति घंटा तक की वृद्धि की जा सकती है। सूत्रों ने बताया कि रेलवे की महत्वाकांक्षी क्षमता विस्तार योजनाओं के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम के डेढ़ लाख करोड़ रुपए के निवेश की तर्ज पर विश्व बैंक एवं कुछ अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से निवेश के प्रस्ताव का उल्लेख भी बजट में किया जा सकता है।
अगले वित्त वर्ष में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन से पडऩे वाले वित्तीय भार के बावजूद यात्री किराया बढ़ाए जाने की संभावना नहीं है। हाल ही में रेलवे में रद्दीकरण नियमों एवं शुल्कों में बदलाव, बच्चों के लिए पूरी बर्थ का पूरा शुल्क लेने जैसे कई कदमों से राजस्व बढ़ाने के प्रबंध किए हैं। सूत्रों के अनुसार, इस बजट में वातानुकूलित प्रथम श्रेणी में तकरीबन सभी रियायतें समाप्त की जा सकती हैं। इसके अलावा विभिन्न रियायतों को तर्कसंगत बनाने, उनमें कमी लाने तथा उनके दुरूपयोग को रोकने के उपायों की घोषणा हो सकती है। 
बाजार में इस्पात लौह अयस्क, सीमेंट, कोयला, ऑटोमोबाइल्स एवं कई अन्य सेक्टरों को मालवहन से जोडऩे की नई नीति आ सकती है। इसके अलावा पार्सल बुकिंग की भी नई नीति लगभग तैयार है। रेलवे परिसरों, ट्रेनों की दीवारों पर विज्ञापनों के जरिए राजस्व कमाने तथा बेस किचन के माध्यम से कैटरिंग की नई नीति लाए जाने की संभावना है। सूत्रों के मुताबकि बेस किचन में भोजन पकाने का काम निजी ठेकेदारों को देने तथा सीसीटीवी कैमरों एवं पारंपरिक ढंग दोनों से गुणवत्ता की निगरानी करने की योजना है।
रेल बजट में भोपाल के कोच रिहैबिलिटेशन सेंटर से बनकर आने वाले कोचों से नई महामना एक्सप्रेस गाड़यिां चलाने के एलान हो सकता है। मोबाइल एप्प के माध्यम से देशभर में अनारक्षित टिकट बुकिंग की सुविधा लाने, ट्रेनों में टीटीई को हैंड हेल्ड सेट दिए जाने जैसे कदमों की घोषणा हो सकती है। राज्य के साथ संयुक्त उपक्रम के माध्यम से रेलवे परियोजनाओं के क्रियान्वयन के नए मॉडल का भी बजट में उल्लेख कि जाने की भी पूरी उम्मीद है।
प्रमुख रेलमार्गों में ट्रैक उन्नयन का काम तेजी से चल रहा है। इसके मद्देनजर कुछ मार्गों पर गाडिय़ों की गति 10 किलोमीटर प्रतिघंटा तक बढ़ाने की घोषणा की जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि इस बार का रेल बजट सुधारों की दिशा में ही चलेगा और यात्रियों पर सीधा भार डालने से बचने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

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