घर के भेदियों की गिरफ्तारी के बाद निर्णय
श्रीगंगानगर
रायसिंहनगर से सटे बॉर्डर पर पंजाब मूल के बीएसएफ में कार्यरत जवान और बाड़मेर में बीएसएफ के ड््यूटी हवलदार के सीमा पार से तस्करी में लिप्तता सामने आने पर बॉर्डर पर चौकसी के लिए जवानों की तैनाती के पैटर्न में बदलाव किया है। गश्ती दल का गठन अलग-अलग राज्यों के जवानों को शामिल करते हुए किया जाएगा। साथ ही खुफिया शाखा ने भी जवान के गृह क्षेत्र की आपराधिक पृष्ठभूमि को भी खंगालना शुरू किया है। अभी तक बॉर्डर पर ड््यूटी के दौरान मोबाइल रखने को लेकर ज्यादा सख्ती नहीं थी। अब बॉर्डर की चौकियों में ड्यूटी के लिए भेजे जाने वाले जवानों के पास कौन से नम्बर का मोबाइल और कौनसा मोबाइल है इसका भी रिकॉर्ड रखने की व्यवस्था शुरू की गई है। जब जवान तारबंदी के पास निगरानी के लिए ड््यूटी पर जाएगा तब उसका मोबाइल चौकी में जमा किया जाएगा। जवान भले ही मोबाइल अपने साथ ड्यूटी पर नहीं ले जाने की बात कहे फिर भी उसका मोबाइल जमा होना जरूरी कर दिया गया है।
नए रंगरूटों पर नजर: 
बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक नए रंगरूटों पर नजर रखना जरूरी हो गया है। रायसिंहनगर बॉर्डर पर तैनात जवान अनिल के मामले की केस स्टडी में भी यही उभर कर आया कि उसके पंजाब स्थित गृह क्षेत्र में नशे के कारोबार में लिप्त लोग बहुत ज्यादा है।



साथ ही जवान के छुट्टी से वापस लौटने पर उसकी खुफिया विंग की आेर से निगरानी रखने की जरूरत भी सामने आई है।

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