राज्य में होगी ड्रैगन फ्रूट और पिस्ता की खेती - कृषि मंत्री
जयपुर।
कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा है कि राज्य में डै्रगन फ्रूट और पिस्ता की खेती प्रायोगिक आधार पर की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर यह प्रयोग सफल रहता है, तो इसे पश्चिमी राजस्थान के जिलों में शुरू किया जाएगा।
सैनी बुधवार को राज्य कृषि प्रबंध संस्थान की ओर से आयोजित चोखी ढाणी रिसोर्ट में जैतून और जोजोबा पर आयोजित अन्तरराष्ट्रीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में जैतून, खजूर और जोजोबा की खेती राज्य में पूर्ण रूप से सफल रही है, अब नवाचार की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए राज्य में ड्रैगन फ्रूट और और पिस्ता की खेती को शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य की गर्म जलवायु डै्रगन फ्रूट के लिए पूरी तरह अनुकूल है। अभी यह खेती अमरीका, वियतनाम, चीन जैसे देशों में हो रही है। राज्य में पहली बार इस फल की खेती प्रायोगिक आधार पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बस्सी और देवड़ावास (टोंक) में की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह फल मूल रूप से थाइलैंड, इजरायल, वियतनाम और अमरीका में पाया जाता है। उन्होंने बताया कि पिस्ता और ड्रैगन फ्रूट की खेती का अध्ययन करने के लिए एक कृषि अधिकारियों का दल बनाया गया है, जो राज्य में इसकी संभावनाओं को लेकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि जैतून को प्लांटेशन क्रॉप घोषित करवाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ ही जैतून की उन प्रजातियों के पौधों को रोपित करवाया जाएगा, जिनके फल का उपयोग सलाद के रूप में होता है। उन्होंने बताया कि राज्य में उत्पादित हों रहे जैतून को अब राज ऑलिव ब्रांड के रूप में बेचा जाएगा। उन्होंने बताया कि जैतून वैज्ञानिकों ने माना है कि राज्य में उत्पादित हो रहा जैतून, बहुत अच्छी गुणवत्ता का है। बीकानेर संभाग को जैतून और खजूर के हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि सिक्किम के साथ मिलकर राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में फूलों की खेती में सिक्किम का सहयोग लिया जाएगा वहीं डेयरी और जैतून की खेती की तकनीक सिक्किम के साथ साझा की जाएगी। इस अवसर पर राज्य कृषि प्रबंध संस्थान के निदेशक शीतल प्रसाद शर्मा, उप निदेशक हीरेन्द्र शर्मा, राजस्थान ऑलिव कल्टीवेशन लिमिटेड के सीएओ योगेश शर्मा सहित इजरायल, अर्जेन्टीना, इटली, स्पेन, अमरीका और ब्रिटेन के कृषि वैज्ञानिकों सहित देश व प्रदेश के जैतून, जोजोबा के उत्पादक, प्रसंस्करणर्ता और विपणनकर्ता उपस्थित थे।

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