उद्घाटन सत्र में हमारे सामाजिक अधिकार और कर्तव्य विषय पर चितंन
राजपुरोहित समाज के पांच सौ से ज्यादा युवा ले रहे हैं हिस्सा 
बाड़मेर । 
महाबार गाँव का जिक्र आते ही रेगिस्तानी इलाके थार महोत्सव के लोकसंस्कृति को समर्पित शाम की जेहन में आ जाती हैं लेकिन गुरुवार की शाम से यहाँ पर मंत्रोच्चार और मंगलाचरण के साथ पांच दिवसीय संस्कार शिविर प्रारम्भ हुआ। आसोतरा गादिपति तुलछाराम महाराज की प्रेरणा ओर उनके सुशिष्य ध्यानाराम महाराज के सानिध्य में महाबार गांव में गुरूवार शाम संस्कार शिविर प्रारंभ हुआ। संस्कार शिविर के उद्घाटन वैदिक मंत्रोच्चार एवं मंगलाचरण के साथ हुआ। इसके बाद ध्यानाराम महाराज एवं अतिथियों के द्वारा माॅ शारदे एवं खेतेश्वर भगवान की तस्वीर का पूजन कर शिविर का विधिवत उद्घाटन किया गया। शिविर में बाड़मेर जिले भर के पांच सौ से ज्यादा युवा हिस्सा ले रहे हैं। शिविर के उद्घाटन में बोद्धिक सत्र में बतौर मुख्य वक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता अमृतलाल जैन ने "हमारे सामाजिक अधिकार और कर्तव्य" विषय पर बोलते हुए कहा कि सामाजिक अधिकार व्यक्ति की स्वतंत्रता से प्रारंभ होती है जिसमें व्यक्ति की आर्थिक बौद्धिक स्वतंत्रता भी शामिल है लेकिन स्वंय की स्वतंत्रता के लिए किसी अन्य की स्वतंत्रता को बाधित नही कर सकते। उन्होने कहा कि सामाजिक रूप से जुड़ाव भी आवश्यक है जिससे व्यक्ति स्वंय के साथ दूसरों के विकास में भागीदार बन सकता है। जैन ने कहा कि अधिकार और कर्तव्य का बड़ा घनिष्ठ संबंध है। वस्तुत: अधिकार और कर्तव्य एक ही पदार्थ के दो पार्श्व हैं। जब हम कहते हैं कि अमुक व्यक्ति का अमुक वस्तु पर अधिकार है, तो इसका दूसरा अर्थ यह भी होता है कि अन्य व्यक्तियों का कर्तव्य है कि उस वस्तु पर अपना अधिकार न समझकर उसपर उस व्यक्ति का ही अधिकार समझें। अत: कर्तव्य और अधिकार सहगामी हैं। जब हम यह समझते हैं कि समाज में रहकर हमारे कुछ अधिकार बन जाते हैं तो हमें यह भी समझना चाहिए कि समाज में रहते हुए हमारे कुछ कर्तव्य भी हैं। अनिवार्य अधिकारों का अनिवार्य कर्तव्यों से नित्य संबंध है। इस अवसर पर बोलते हुए शिविर के प्रणेता ध्यानाराम महाराज ने कहा कि इस पांच दिवसीय शिविर में संस्कार , योग और राष्ट्र उन्नति पर विशेष जोर दिया जायेगा जिसमे सभी युवाओ को लाभ लेने का आह्वाहन किया गया। आगामी 27 दिसम्बर तक चलने वाले इस शिविर में बोद्धिक सत्र में कई विषय विशेषज्ञ उद्बोद्धन देंगे।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top