बाड़मेरकुककम हेल्पर्स मानदेय बढ़ाने की मांग
कुक कम हेल्पर्स को सरकार हक देवे यह बात मिड डे मील कुक कम हेल्पर्स संघर्ष समिति राजस्थान के अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा ने स्थानीय महावीर पार्क में आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए कही। बडेरा ने कहा कि मि डे मील योजना को सरकार ने सरकारी स्कूलांे मंे छात्रांे की संख्या बढाने के लिये लागू की जिसमें सरकार को भारी सफलता मिली। इस सफलता का असली श्रेय स्कूलों मंे पढने वाले छात्रांे को दोपहर का भोजन पकाने वाली कुक कम हेल्पर्स को जाता है। संघर्ष समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा ने कहा कि पिछले ग्यारह वर्षो से सरकार एक हजार रूपये मासिक मानदेय देकर सैकड़ों छात्रांे का महिने भर भोजन बनवाती है। इस मासिक मानदेय से कुक कम हेल्पर्स के परिवार का गुजारा नहंी हो रहा है। यह मानदये न्यूनतम मजदूरी से भी कम है जो आजाद भारत में श्रम का शोषण है। इनसे बंधुआ मजदूरों की तरह पिछले ग्यारह सालों से काम लिया जा रहा हैं वडेरा ने राज्य के मुख्यमंत्री से बाड़मेर दौरे के दौरान कुक हेल्पर्स की वास्तविकता, तकलीफ और कठिनाईयों पर ध्यान देने की मांग की। महामंत्री संतोष ने कहा कि हम कुक कम हेल्पर्स का भारी शोषण हो रहा है। महिला मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि वे हम महिलाआंे का दुख दूर करें। उपाध्यक्ष मंजू देवी ने कहा कि सरकार हमारा मानदेय बढाये। मासिक बैठक में सैकड़ों कुक कम हेल्पर्स ने भाग लिया और मानदेय बढाने की मांग की। कमठा मजदूर यूनियन के महामंत्री नारायणसिं दईया, गुलाबाराम बोचिया आदि उपस्थित थे।

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