निकली पथ प्रेरणा यात्रा, केसरिया मय हुआ माहौल
बाड़मेर
विजयदशमी के अवसर पर राजपूत समाज द्वारा निकाली गयी अनुशाषित और मर्यादित पथ प्रेरणा यात्रा मे शामिल समाज बंधुओ के केसरिया साफे और केसरिया ध्वज से सारा माहौल केसरिया मय हो गया।
सर्वप्रथम नागणेच्या माता जी मंदिर मे विधि विधान से शस्त्र पूजन किया गया उसके उपरांत शुभ मुहूर्त मे यात्रा गढ़ बाड़मेर से रवाना हुई।
यात्रा मे सबसे आगे ढोल नगाड़े वाले चल रहे थे उनके पीछे पांच घुड़सवार केसरिया ध्वज लिये चल रहे थे। इनके पीछे रावत त्रिभुवन सिंह के नेतृत्व मे पंक्तिबद्ध और पूर्णतः अनुशाषित और मर्यादित तरीके से सभी समाज बंधू चल रहे थे।क्या छोटे क्या बड़े सभी पारंपरिक वेशभूषा पहने हुए और कदमताल करते हुए चले।
30-30 की टुकड़िया बनायीं गयी जिसमे हर टुकड़ी का नेतृत्व एक तलवार धारी और दो ध्वजवाहक कर रहे थे।
यात्रा मंत्रोचार के साथ गढ़ से प्रारम्भ होकर मुख्य बाजार,गांधी चौक,स्टेशन रोड,अहिंसा सर्किल,विवेकानंद सर्किल,रॉय कॉलोनी,तन सिंह सर्किल होते हुए सरदारपुरा स्तिथ श्री राणी रूपादे संस्थान जाकर समाप्त हुई।
यात्रा को लेकर शहरवासियों मे जबरदस्त उत्साह देखने को मिला व्यापारियो ने जगह जगह पुष्प वर्षा से स्वागत किया।विधायक मेवाराम जैन ने भी अपने निवास स्थान के आगे स्वागत किया।रॉय कॉलोनी मे तोप से पुष्पवर्षा की गयी।
श्री राणी रूपादे संस्थान मे आयोजित सभा मे मुख्य वक्ता के रूप मे विराजमान श्री क्षत्रिय युवक संघ के संघ प्रमुख ने कहा कि केसरिया बाना मे सभी कितने अच्छे लग रहे है अगर हम सही मे सच्चे क्षत्रिय के गुणों को भी आत्मसात कर ले तो कितना अच्छा हो जाये।हम ऐसे कार्य करे की लोग हमसे प्रेरणा ले।गीता का उदहारण देते हुए संघ प्रमुख ने बताया कि श्री कृष्ण अपने आप मे पूर्ण होने पर भी कर्म करते थे ताकि वो विश्व के लिए प्रेरणा के स्त्रोत बन सके उनके कर्म से विमुख होने पर समाज के पतित होने का डर रहता है इसलिए हमें सदैव अच्छे कार्यो मे लगे रहना चाहिए।
हमें ये ग़लतफ़हमी भी नही पालनी चाहिए कि हम बहुत पिछड़ गए है क्योंकि सही मायने मे हम आगे ही बढे है चाहे वो चरित्र हो या हमारे संस्कार हो।
श्री श्री 1008 महंत प्रतापपुरी महाराज ने बताया कि आज का यात्रा का दृश्य देख कर मैं भावविभोर हो गया।हमें अच्छी संग मे रहना चाहिये और सदैव अपनी परम्परा को ध्यान मे रखना चाहिए।
हीर सिंह भाटी ने बताया कि ऐसी प्रेरणादायी यात्राये अवशय निकाली जनि चाहिए इस से समाज मे एकता बढ़ती है। पूर्व cmho गणपत सिंह ने बताया विद्यार्थी अध्यन पर ध्यान केंद्रित करे और स्वयं को सक्षम बनाये।
गिरधर सिंह कोटडिया ने बताया कि विजयदशमी  हमारा पर्व है और हमें इसे धूमधाम से मनाना ही चाहिए।
स्वरुप सिंह चाडी ने बताया कि हम इस दिन भगवन राम की अन्याय और आसुरी शक्तियो पर विजय का उत्सव मनाते है तो हमे अपने जीवन मे भी राम के चरित्र को आत्मसात करना चाहिए।
शिक्षाविद् कमल सिंह चुली ने बताया कि ऐसी अनुशाषित और मर्यादित यात्रा देखकर सभी लोग बड़े खुश हुए है और ये एक अच्छा सन्देश है समाज के लिए।
राम सिंह माडपुरा ने वो कौम न मिटने पायेगी सहगान प्रस्तुत किया।छगन सिंह लुणु ने मंगलाचरण से सभा की शरुआत की। रावत त्रिभुवन सिंह से सभी पधारे हुए समाज बंधुओ को धन्यवाद दिया और जब भी समाज आह्वान करे ऐसे ही समर्थन देने की अपील की। सञ्चालन महेन्द्र सिंह तारातरा ने किया।

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