गरीबो के उत्थान के लिए सब को आगे आना चाहिए - विधायक भाटी
जैसलमेर।
भारतीय जनसंघ के संस्थापको में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिवस को जैसलमेर जिला मुख्यालय पर स्थानीय व्यास बगेची में जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी के मुख्य आतिथ्य एवं वरिष्ठ साहित्यकार दीनदयाल ओझा की अध्यक्षता में शुक्रवार को अन्त्योदय दिवस के रूप में मनाया गया। समारोह में जिला कलक्टर विष्वमोहन शर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर भागीरथ शर्मा विषिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। समारोह में पंडित उपाध्याय के जीवन के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विचार गोष्ठी आयोजित हुई।
जैसलमेर विधायक भाटी ने कहा कि गरीब परिवार में जन्में पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने विपरित परिस्थितियों के बावजूद भी उच्च षिक्षा अर्जित, भारतीय प्रषासनिक सेवा का पद त्याग कर गरीबो के उत्थान के लिए जनसेवा का जो बीडा उठाया वह वास्तव में एक राष्ट्रीयता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति के गरीबो के उत्थान के लिए जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को सामुहिक प्रयास करके उनको जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करना ही पंडित उपाध्याय को सच्ची श्रद्वांजली होगी।
विधायक भाटी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने पंडित उपाध्याय के जन्म दिवस को अन्त्योदय दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत की वह वास्तव में अनुकरणीय है एवं ऐसे महान व्यक्तित्व को हमे सदैव चिरस्थाई के रूप में याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंडित उपाध्याय की सोच सदैव मानव विकास के साथ ही गरीबो के उत्थान के लिए रही है। इसलिए हमे भी आज के दिन संकल्प लेना है कि हम भी सबसे पहले समाज के गरीब तबके का उत्थान करने में अहम भूमिका अदा करनी है। उन्होंने सर्वद्वारा वर्ग को समानता का भाव देने का आह्वान भी किया।
विचार गोष्ठी में अध्यक्षीय उद्बोधन में वरिष्ठ साहित्यकार दीनदयाल ओझा ने कहा कि भारत की धरा पर अनेको युग पुरूष पैदा हुए उनमें से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय भी रहें जिनको याद करना हम सबका धर्म है। उन्होंने कहा कि भारत व विष्व स्तर पर जो परिवर्तन आए उसका पंडित उपाध्याय ने चिंतन व मनन किया एवं उसको मूर्त रूप देने में भी अपनी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि अल्प आयु में माता-पिता का देहांत होने के बावजूद भी जिन कठिनाईयों को झेलते हुए जो उपलब्धियां एवं ख्याति अर्जित की वह युवा पीढी के लिए प्रेरणादायक है।

जिला कलक्टर विष्वमोहन शर्मा ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्वा सुमन अर्जित करते हुए कहा कि पंडित उपाध्याय ने पूंजीवाद, समाजवाद से अलग एकात्मवाद व मानववाद सिद्वांत को अपनाया। उसे हमें अपनाकर एवं उसके सिद्वांतो का अध्ययन करना ही उनको सच्ची श्रद्वांजली होगी। उन्होंने कहा कि प्रषासनिक सेवा के पद का त्याग कर जनसेवा को पंडितजी ने अपने जीवन में अंगीकार किया वह वास्तव में बहुत ही बडी बात है एवं विषेष रूप से गरीबो के उत्थान की सोच जो उनमें थी वह हम सबके लिए प्रेरणास्पर्द है। उन्होंने सभी अतिथियों एवं आगन्तुको का विचार गोष्ठी में शरीक होने पर हार्दिक आभार जताया।

विचार गोष्ठी में विद्वान बालकृष्ण जगाणी व हिन्दी के व्याख्याता केसरसिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन वृतांत के साथ ही उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विस्तार से जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि उनका मुख्य मिषन एकान्त मानववाद रहा है एवं वे सदैव गरीबो के उत्थान के लिए अग्रणीय रहे है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि के विचारो के संहवाहक पंडित दीनदयाल ने अपने अन्य जीवन में जो दर्षन लिखे उनको आज के परिपेक्ष्य में अध्ययन करने की जरूरत है।

समारोह के प्रारंभ में विधायक भाटी, जिला कलक्टर शर्मा एवं अन्य अतिथियों ने पंडित उपाध्याय की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्वा सुमन अर्पित किए। इस विचार गोष्ठी के अवसर पर तहसीलदार धर्मराज गुर्जर, आयुक्त नगरपरिषद इन्द्रसिंह राठौड, समाजसेवी त्रिलोकचंद्र खत्री, मदनलाल डांगरा, हिम्मताराम चैधरी, श्यामसुंदर डावाणी, विट्ठलदास व्यास, प्राचार्य डाॅ. लक्ष्मीनारायण नागौरी, पार्षद श्रीमती ईष्वरी भाटिया, समाजसेवी सवाईसिंह देवडा, भगवानदास गोपा, भंवरसिंह साधना, जैसलमेर विकास समिति के सचिव चंद्रप्रकाष व्यास, सहायक निदेषक हिम्मतसिंह कविया के साथ ही नगर के प्रबुद्व नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता डाईट बराईदीन सांवरा ने किया।

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