सैकडो युवाओ ने रक्तदान का संकल्प-पत्र भरा एंवम किया रक्तदान
बाड़मेर 
पंडित दीनदयाल उपाध्याय महान चिन्तक व संगठनकर्ता थे । उन्होने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुये देश को एकात्म मानववाद जैसी प्रगतिशील विचाराधारा देश को दी । ऐसे महान चिन्तक के विचारो को युवा अपने जीवन में आत्मसात करने की अपील की । 
ये अपील भारत सरकार के नेहरू युवा केन्द्र एंवम क्षेत्रीयप्रचार कार्यालय द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से तरूण छात्रावास बाडमेर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शताब्दी वर्ष पर आयोजित विचार गोष्ठी को सम्बोन्धित करते नेहरू युवा केन्द्र के युवा समन्वयक ओमप्रकाश जोशी ने व्यक्त किये ।
जोशी ने युवाओ का पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी एंवम विचारो को पढने के साथ बताया िक पंडित जी जीवन पर्यन्त अपनी व्यक्तिगत ईमानदारी व सत्यनिष्ठा को हमेशा महत्व दिया । उन्होने मजहब ओर सम्प्रदाय के आधार पर भारतीय संस्कृति का विभाजन करने वालो को देश के विभाजन का जिम्मेदार माना ।
पंडित दीनदयाल भारतीय राजनीति के पुरोधा थे । उनकी मान्यता थी कि हिन्दु कोई धर्म अथवा सम्प्रदाय नही बल्कि भारत की राष्टीय संस्कृति है ।उन्होने कहा था कि हमारी राष्टीयता का आधार भारत माता है केवल भारत ही नही ।भारतमाता में से माता शब्द हटा लिया जाये तो भारत केवल जमीन का टुकडा मात्र बनकर रह जायेगा ।
इस अवसर पर तीलाराम पन्नू/बाबूलाल कोडेचा व्यवस्थापक स्वर्ण कुमार सेजू /चतुराराम परमार व चेतनराम कागा प्रधानाध्यापक ने भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी पर विस्तृत जानकारी ग्रामीण युवाओ को प्रदान की । 

जिला कलेक्टर श्री मधुसूदन शर्मा के निर्देशो की अनुपालना में नेहरू युवा केन्द्र एंवम नवयुवक मण्डलो से जुडे युवाओ ने राजकीय स्नोतकोतर महाविधालय में आयोजित विशाल रक्त दान शिविर म ेंअनेक युवाओ ने रक्तदान करने के साथ संकल्प पत्र भी भरे ।

अनेक गांवो में कार्यक्रम आयोजित हुये 
नेहरू युवा केन्द्र से जुड नवयुवक मण्डल क्रमश बिशाला/चूली/चोहटन/गडरा/शिवकर/शोभाला जेतमाल/भादरेश में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में विचार गोष्ठीयां का आयोजन किया गया जिसमें क्रमश नरेन्द्रसिंह/भवानीसिंह/ईमदाद खां/ माधोसिंह /स्वरूप/रेवतदान इत्यादिने पंडित जी की जीवनी एंवम विचारो की विस्तृत जानकारी प्रदान की । 

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top