बाड़मेर। दूसरे दिन भी बिजली कर्मचारियों  का गतिरोध कायम 
पादरू उपखण्ड में कर्मचारी को करंट लगने का मामला, अधिकारी मुख्य मांग मानने को तैयार नहीं, दूसरी रात भी कार्यालय में ही डटे रहे सैकड़ो कर्मचारी
बाड़मेर। 
जिले के पादरू उपखण्ड मंे 13 सितंबर को करंट लगने से एक कर्मचारी के गंभीर रूप से घायल होने के मामले में निगम प्रशासन द्वारा अब तक दोषी कनिष्ठ अभियंता के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करने सहित विभिन्न मांगो को लेकर शुक्रवार को आंदोलन पर उतरे बिजली कर्मचारियों एवं अधिकारियों के बीच दूसरे दिन भी गतिरोध नहीं टूट पाया। पहले दिन वार्ताओ के विफल रहने के बाद कर्मचारी रात भर डिस्काॅम कार्यालय में ही जमे रहे। वहीं शनिवार को जिले भर से सैकड़ो कर्मचारी भी बाड़मेर पहुंचे गए जिससे माहौल ओर उग्र हो गया। लेकिन दूसरे दिन भी वार्ता का दौर विफल रहा और जांच रिपोर्ट तक प्रदर्शनकारियो ने कार्यालय में ही डेरा जमाए रहने का निर्णय लिया। 

जांच कमेटीे ने शुरू की जांचः 

दोषी कनिष्ठ अभियंता एवं सहायक अभियंता को निलंबित करने की मुख्य मांग को लेकर शुक्रवार को अधिकारियो द्वारा जांच के बाद ही कार्यवाही करने की बात के बाद शनिवार को जांच टीम पादरू स्थित घटनास्थल पर पहुंची और जांच शुरू की। वहीं पहली बार इस जांच मंे निगम द्वारा कर्मचारी संगठनो के पदाधिकारियों को शामिल करते हुए दो तकनीकी कर्मचारियों खीमकरण खींची एवं पवन परमार को जांच में साथ में भेजा ताकि जांच की निष्पक्षता पर सवाल नहीं उठे। शनिवार को पूरे दिन जांच प्रक्रिया जारी रही लेकिन देर शाम तक जांच नतीजे पर नहीं पहुंची, जिसके कारण कर्मचारी जांच रिपोर्ट आने तक कार्यालय मंे ही डट गए। 

सभी कर्मचारी संगठन एकजुट हुएः

प्रदेश प्रवक्ता रमेश पंवार ने बताया कि राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी के बैनर तले शुक्रवार को शुरू हुए प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को देर शाम अन्य तकनीकी संगठन इंटक, बीएमएस भी कर्मचारियों के साथ उतर आई। इसी के कारण शनिवार को प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में कर्मचारी एक बैनर तले नजर आए। सभी कर्मचारी नेताओ ने न्याय नहीं होने तक वहीं पर डटे रहने का निर्णय लिया। शुक्रवार को शुरू हुए प्रदर्शन में पहले इंटक संगठन ने एवं बाद में बीएमएस संगठन भी शामिल हो गया। श्निवार को भी सभी संगठन के पदाधिकारी एवं कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल रहे। शनिवार को प्रदर्शन मंे इंटक के जेठाराम शर्मा, अनिल भंसाली, जितेन्द्र राठी, बीएमएस से जितेन्द्र छंगाणी, कुशलाराम डउकिया, पवन परमार, राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन की ओर से प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर, प्रदेश सचिव खीमकरण खींची, संभाग अध्यक्ष आईदानसिंह ईंदा, नरेन्द्रसिंह, शिव से बाबूलाल मुढ, बाबूलाल सैन, चेतनराम, चैहटन से रमेश चैधरी, अशोक प्रजापत, बायतु से अशोक नामा, करनाराम, धोरीमन्ना से प्रकाश विश्नोई, अजय, बाड़मेर शहर धनराजसिंह, राजेन्द्र सोनी, ग्रामीण से राजेन्द्र चैधरी, रूपाराम, सहित पूरे जिले भर से सैकड़ो कर्मचारी मौजुद थे। 

विरोध के बाद चार में से तीन मांगे मानी:

पंवार ने बताया कि शुक्रवार को शुरू हुए प्रदर्शन मंे कर्मचारियो द्वारा चार सुत्री ज्ञापन सौपा गया। इसमंे मुख्य मांग को छोड़कर अन्य मांगो पर निगम प्रशासन ने गंभीरता दिखाते हुए कार्यवाही की, जिसमें शिव के लंगो की ढ़ाणी गांव में गत दिनों हुई विद्युत दुर्घटना में अवकाश पर चल रहे कर्मचारी को निलंबित करने के मामले में विरोध के बाद शनिवार सुबह 11 बजे बहाल किया गया। वहीं कर्मचारी की मेडिकल सहायता के रूप में अवकाश का दिन होने के बावजुद सभी कर्मचारियों के दबाव के बाद एक साथ 4 लाख रूपए हाथो-हाथ इंतजाम किया गया एवं उसे जयपुर भिजवाया गया। इसके अलावा बायतु उपखण्ड मंे कर्मचारी के उपस्थित रहने के बावजुद उसको अनुपस्थित बताने एवं वेतन काटने के मामले में शिकायत की जांच रिपोर्ट बाद अधीक्षण अभियंता ने इस मामले में दोषी कनिष्ठ अभियंता को चार्जसीट देने एवं कर्मचारी को वेतन बनाने के आदेश जारी किए। 

अंधेरे मंे डूबे कई गांव-कस्बेः

कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन एवं शनिवार को जिले भर से सैकड़ो कर्मचारियो के जिला मुख्यालय पहुंचने के कारण कई गांव कस्बो में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई। वहीं शहर मंे भी कई ईलाको में सप्लाई बाधित रही। इस बीच बारिश एवं आंधी का दौर शुरू हो जाने से भी कई जीएसएस एवं लाईने बंद हो गई जिससे कई गांव व कस्बे मंे अंधेरे मंे डूबे रहे जो शनिवार देर रात तक बहाल नहीं हो पाए। 

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