स्तनपान से स्वस्थ समाज का निर्माण - डा माहेष्वरी
बाड़मेर 
विष्व स्तनपान सप्ताह के अंतिम दिन आज जिला मुख्यालय पर स्थित सीमा सुरक्षा बल के सेक्टर हेडक्वाटर्स पर वेलफेयर सेंटर पर केम्पस की महिलाओं की एक संगोश्ठी आयोजित की गई जिसमें षिरकत करते हुए वरिश्ठ षिषुरोग विषेशज्ञ डा राजकिषोर माहेष्वरी ने इस सप्ताह को मनाए जाने के कारणों पर प्रकाष डाला व बताया कि विष्व की यदि सभी मलिाऐं प्रसव प्ष्चात पहले आधे घंटे में ही षिषु को स्तनपान कराना षुरू करदे तो सिर्फ इतने से ही करीब 10 लाख बच्चों को प्रतिवर्श मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकता है । डा माहेष्वरी ने बताया कि माता को प्रसव के बाद पहले दो तीन दिन ते निकलने वाला गाढा दूध जिसे खीस कहते है को षिषु को अवष्य देना चाहिए । खीस अत्यधिक पौश्टिक होता है व इसमें रोग प्रतिरोधक तत्व प्रचुर मात्रा में होते है जिससे षिषु मृत्यु दर काफी कम हो जाती है । मां को छ माह तक सिर्फ अपना दूध देना चाहिए, पानी देने की भी आवष्यकता नहीं है । डा माहेष्वरी ने महिलाओं को बताया कि स्तनपान कराने के कई फायदे है जैसे कि इससें बच्चे का सर्वांगीण विकास होता है, यह षिषु का सम्पूर्ण आहार है, इससं मां एवं बच्चे के मघ्य भावनात्मक रिष्ता बनता है जो कि आगे चलकर बच्चे के लिए अत्यन्त फायदेमन्द रहता है, मां का दूध पीने वाले बच्चे अन्य बच्चों की अपेक्षा काफी कम बीमार पडते हैं । डा माहेष्वरी ने बताया कि छ माह की उम्र के बाद मां अपने दूध के अलावा उपर का दूध व अन्य चीजें धीरे धीरे षुरू कर सकती हैं पर उन्हें अपना दूध कम से कम दो वर्श की आयु तक पिलाना चाहिए । स्तनपान कराने से न केवल षिषु को लाभ होता है वरन मां को भी इसके कई फायदे है यथा इससे स्तन केंसर की संभावना काफी कम हो जाती है, इससे देां बच्चों के बीच अन्तराल रखने में मदद मिलती है व इससे मां के आत्मविष्वास की बढोतरी होती है । डा माहेष्वरी ने बोतल से दूध पिलाने को बेहद त्रुटिपूर्ण बताया व कहा कि बोतल से दूध पीने वाले बच्चे ज्यादातर बीमार रहते हैं व उन्हें सदा गले व पेट की गडबडियां होती रहती है । इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल के महानिदेषक श्री प्रतुल गौतम एवं डा अर्पिता उपस्थित थे । केयर्न इंडिया एव ंकेयर इंडिया के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में लायंस क्लब मालानी के सचिव श्री लखारा व अन्य सदस्य मौजूद थे । कार्यक्रम का संचालन डा सुरेन्द्र चैधरी ने किया । 
इस कार्यक्रम के अलावा जिले के गुडा मालानी में सीनियर बालिका विद्यालय में एकत्रित छात्राओं को षिषुरोग विषेशज्ञ डा हरीष चैहान ने संबोधित किया व छात्राओ को स्तनपान के विशय में विस्तार से बताया । उन्होने भी कहा कि मां द्वारा अपने बच्चे को दूध पिलाना एक प्राकृतिक परम्परा है व इस परम्परा का पालन करने से बच्चों में कुपोशण की संभावना काफी कम हो जाती है । स्तनपान करने वाले बच्चे मानसिक तौर पर स्तनपान न करने वाले बच्चों की अपेक्षा ज्यादा सुदृढ होते हैं व हमेषा समाज में अच्छा स्थान प्राप्त करते हैं । ऐसे बच्चों में दस्त रोग की संभावना भी काफी कम होती है । इस कार्यक्रम में केयर्न इंडिया की और से सुश्री षांति चैधरी भी उपस्थित थी । 
कार्यक्रम के संयोजक इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स के अध्यक्ष डा आर के माहेष्वरी ने बताया कि इस सप्ताह कुल 26 कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें से 15 कार्यक्रम जिला मुख्यालय पर व षेश कार्यक्रम ब्लाक मुख्यालय यथा षिव, चोहटन, सिणधरी, गुडा मालानी एवं बालोतरा में आयोजित किए गए । डा माहेष्वरी ने इस कार्यक्रम में सहयोग देने हेतु केयर्न इंडिया, केयर संस्थान, लायंस क्लब बाडमेर व लायंस क्लब मालानी, चिकित्सा विभाग, षिक्षा विभाग, सीओ जालिपा केंट, डीआईजी बीएसएफ आदि को धन्यवाद ज्ञापित किया । 

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