थार ने उगला तीस करोड़ बैरल तेल
बाड़मेर
केयर्न इंडिया द्वारा संचालित बाड़मेर के तेल भंडार 29 अगस्त को उत्पादन के छह वर्ष पूर्ण करने के और अग्रसर हैं। इस से पूर्व देश के सबसे बड़े ज़मीनी इन तेल भंडारों ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार कर लिया है। उत्पादन शुरू होने से अब तक यहाँ के तेल भंडारों से कुल उत्पादन का आंकड़ा मंगलवार को तीस करोड़ बैरल को पार कर गया।
केयर्न ने बाड़मेर में स्थित भारत के सबसे बड़े ज़मीनी तेल भंडार मंगला से 29 अगस्त 2009 को पेट्रोलियम उत्पादन शुरू किया और तब से यहाँ अनवरत उत्पादन जारी रहा। गत कई वर्षों में वेदांता समूह की कंपनी केयर्न के द्वारा तेल उत्पादन ने देश की बढ़ती ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है। इसकी संक्रियाओं ने गत वित्तीय वर्ष में देश के तेल आयात खर्च में साढ़े अड़तीस हज़ार करोड़ रुपये की बचत की है। गत वित्तीय वर्ष में ही कंपनी द्वारा सरकारी ख़ज़ाने में उन्नीस हज़ार सैंतालीस करोड़ रुपये का योगदान किया गया जो इसे हाइड्रोकार्बन सेक्टर की सबसे अधिक कर योगदान देने वाली कंपनी बनाता है।
इस उपलब्धि को बाड़मेर स्थित मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल पर सभी टीम सदस्यों ने उत्साह के साथ मनाया। सांकेतिक रूप से 300 बैरल तेल की निकासी पर टर्मिनल पर विभिन आयोजन हुए. केयर्न इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मयंक अशर ने तीस करोड़ बैरल के कुल उत्पादन आँकड़े को पार करने पर टीम को बधाई दी।
अपने सन्देश में उन्होंने कहा, "आज हमने केयर्न में इतिहास रचा है। उत्पादन शुरू करने के छह वर्षों के भीतर ही हमने 30 करोड़ बैरल तेल उत्पादन के आँकड़े को पार कर लिया है। यह आप सभी के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। हम सभी ने मिल कर ये इतिहास रचा और मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में हम ऐसे ही कई पड़ाव पार करेंगे। देश की ऊर्जा सुरक्षा की यात्रा ऐसे ही प्रयासों पर निर्भर करती है।"
बाड़मेर ब्लॉक में तेल और गैस समतुल्य भंडारों को दस अरब बैरल आंका गया है। बाड़मेर में अन्वेषण की सफलता दर पचास प्रतिशत है जो विश्व स्तरीय है। यहाँ उत्पादित होने वाला तेल विश्व की सबसे लम्बी सतत रूप से गर्म पाइपलाइन के जरिये गुजरात की तेल रिफाइनरी को जाता है। भारत जैसे देश के लिए, जहाँ हम अपनी तेल ज़रूरतों का 80 प्रतिशत आयातित तेल से पूरा करते हैं, बाड़मेर के तेल भंडार घरेलू तेल उत्पादन का लगभग 25 प्रतिशत उत्पादित कर महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक राजस्थान सरकार को 2009 में तेल उत्पादन की शुरुआत से ले कर जून 2015 के अंत तक बाड़मेर तेल क्षेत्रों से रॉयल्टी और सेल्स टैक्स के रूप में कुल बाईस हज़ार करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हुयी है।
राजस्व में योगदान के अलावा मंगला की खोज और उत्पादन ने इस क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य को भी बदल डाला है। काम वर्षा और अकाल से प्रभावित फसलों के क्षेत्र में आज आर्थिक विकास और बदलाव सहज ही महसूस किया जा सकता है। स्थानीय समुदाय ने भी उद्यमिता के सहज स्वभाव के चलते इसमें अपना योगदान दिया है। सन 2003 तक दो छोटे होटल वाला बाड़मेर शहर आज छोटे बड़े 24 होटल सहित स्वागत को तैयार है। जानकारी के मुताबिक इस ब्लॉक में हुयी 38 तेल खोजों के साथ ही उल्लेखनीय गैस भंडारों की उपस्थिति भी ज्ञात हुयी है। एक आंकलन के अनुसार इस ब्लॉक में एक से तीन खरब घन फ़ीट गैस उपस्थित है जिसमें से आधी से अधिक उत्पादित की जा सकती है।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top