बाड़मेर एस.डी.एम द्वारा हाथो-हाथ सुनवाई कर दी राहत
बाडमेर। 
न्याय आपके द्वार अभियान के तहत ग्राम पंचायत मुख्यालय जूना पतरासर पर राजस्व लोक अदालत शिविर का आयोजन किया गया।
उक्त राजस्व लोक अदालत के शिविर में एच. आर. मेहरा उपखण्ड अधिकारी बाड़मेर द्वारा मौके पर ही आम जनता के लम्बे समय से चले आ रहे कृषि भूमि के विवादो के सम्बन्ध में दोनों पक्षों की हाथों-हाथ सुनवाई कर आपसी समझाईस से उनकी समस्या का तत्काल समाधान करवाकर लोगों को राहत पहुंचाई।उक्त शिविर में अनुसूचित जनजाति के गरीब कृषक मोडाराम व आसूराम जो अपनी पैतृक भूमि में हक प्राप्त करने हेतु लम्बे समय से संघर्ष कर रहे थे। उनकी संयुक्त पैतृक हक की भूमि अपने एक अकेले भाई बस्ताराम के नाम दर्ज हो गई थी। पीठासीन अधिकारी ने बाद सुनवाई 60 वर्ष की अवधि व्यतीत होने के उपरान्त अब मोडाराम व आसूराम को भी अपने भाई के साथ खातेदार कृषक दर्ज करने का आदेश देकर उन्हें अपनी पैतृक भूमि का मालिकाना हक दिलवाया गया। इसके अलावा चार अन्य भूमि विवादों में भी खातेदारी हक की घोषणा कर वंचित लोगों को राहत दी गई। उक्त शिविर में भूमि विभाजन के 30 प्रकरण, नामान्तरण के 73 प्रकरण, राजस्व प्रतिलिपि के 143 प्रकरण व हकतर्क का 1 प्रकरण का मौके पर ही निस्तारण किया गया।
ग्राम पंचायत मुख्यालय जूना पतरासर नवसृजित ग्राम पंचायत है। आमजन को तत्काल राहत देने हेतु उक्त स्थान पर आयोजित शिविर के दौरान मौके पर आमजन की भारी भीड़-भाड़ थी। तथा सभी लोग एच. आर. मेहरा एस.डी.एम बाड़मेर द्वारा आपसी समझाईस से सहानुभूति पूर्वक की जा रही सुनवाई से बहुत ही खुश नजर आ रहे थे। तथा उन्हें मौके पर ही लम्बे समय से चल रही समस्या का समाधान होकर मिल रहे अपने वास्तविक हक से राहत प्रकट कर रहे थे।
ग्राम पंचायत जूना पतरासर पिछड़ा क्षेत्र है उक्त क्षैत्र में ज्यादातर अनुसूचित जनजाति के गरीब परिवार निवास करते है। तत्कालीन प्रधानमंत्री भारत सरकार स्वंर्गीय राजीव गाधी द्वारा भी गरीब लोगो के हालात जानने हेतु विशेष रुप से ग्राम जूना पतरासर में भ्रमण कर, इन अनुसूचित जनजाति के गरीब लोगों के घर पहंुचकर इनके संग घर का बना हुआ खाना खाकर इनके हालात की पूर्ण जानकारी प्राप्त की थी, तथा मौके पर ही जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ उनकी समस्याओं का निराकरण किया था।

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