सीमाओं की मजबूत हिफाजत से देश की तरक्की- केन्द्रीय रक्षा मंत्री
जयपुुर।
केन्द्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि जो राष्ट्र अपनी सीमाओं की हिफाजत नहीं कर सकता वह राष्ट्र तरक्की भी नहीं कर सकता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि केन्द्र सरकार देश की सीमाओं की सुरक्षा और वहां तैनात सैनिकों की पूरी हिफाजत करेगी।
रक्षा मंत्री रविवार को यहां हरिशचन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान के भगवत सिंह मेहता सभागार में सीमा सुरक्षा : चुनौतियां एवं समाधान विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के बारे में जीरो टालरेन्स होना महत्वपूर्ण है।
पर्रिकर ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा करना बड़ा कठिन काम है। हमारे सैनिक विषम परिस्थितियों में सीमाओं पर काम करते हैं। समाज भी उनके बारे में सोचे और उनकी समस्याओं के समाधान में अपना योगदान करें। उन्होंने सीमा पार के खतरों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बाहरी एवं आन्तरिक असुरक्षा दोनों ही समस्या वाली हो सकती है। हमें इन सब खतरों से सावधान रहते हुए देश को विकास के पथ पर आगे ले जाना है।
रक्षा मंत्री ने सीमा पार से हो रहे कई प्रकार के खतरों से सावचेत करते हुए कहा कि हमारी सेना इन खतरों से निपटने मेें पूरी तरह सक्षम हैंै। उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों की सरहाना की और इन्हें गांव-गांव तक ले जाने की जरूरत बताई ताकि लोगों में अधिक से अधिक जागरूकता पैदा हो।
संगोष्ठी के विशिष्ठ अतिथि केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनेक देशों की यात्रा कर यह साबित कर दिया कि Óसब का साथ, सबका विकासÓ न केवल भारत अपितु पूरी दुनियां के लिए लागू है। हम पड़ौसी देशों को साथ लेकर विकास की दिशा में चलना चाहते हैं।
राठौड़ ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा पर किसी प्रकार के हमले को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी रक्षा करने व रक्षा के तरीकों को चुनने का अधिकार है। उन्होंने इन संगोष्ठियों को लोगों में जागरूकता लाने का सशक्त माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि हम सबको एक सिपाही बनना है। हमारी विचारधारा पूरी दूनिया में चले ऐसे प्रयास होने चाहिए। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने केन्द्रीय मंत्रियों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि हमारे देश की बहादुर फौज का मुकाबला कोई देश नहीं कर सकता है। उन्होंने छद्म वेश में होने वाले हमलों, गौवंश की तस्करी, बाग्ंलादेश से होने वाली घुसपैठ पर चिंता व्यक्त की और रक्षा मंत्री से इस दिशा में ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।
इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं जोधपुर सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ने स्वागत भाषण में कहा कि सीमान्त क्षेत्रों में जो जन चेतना आई है वैसी ही आम नागरिकों में पैदा की जाये ताकि देश और तरक्की करे। 
सेवानिवृत एयर मार्शल आर.सी. बाजपेयी ने कहा कि सीमाओं से होने वाली घुसपैठ आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती है। इसके लिए सुरक्षा तंत्र को और अधिक विकसित करना होगा। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों के नागरिकों व युवाओं को जागरूक बनाने की जरूरत बताई।
इस अवसर पर अतिथियों ने डॉ. शीला रॉय द्वारा प्रकाशित स्मारिका तथा कायमखानी सैनिकों के बलिदान पर प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया। जसवीर सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
समारोह में देश के विभिन्न भागों से आए प्रतिनिधियों के अलावा रक्षा विशेषज्ञ साउथ वेस्ट कमाण्ड के आर्मी कमाण्डर ले. जनरल ए.के. साहनी, पुलिस महानिदेशक श्री मनोज भट्ट एवं अन्य अधिकारी तथा गणमान्य लोग मौजूद थे।

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