ग्रामीण प्रतिभाओं को देंगे पढाई की तकनीक: कमलकांत
बाड़मेर.
समाज के सर्वांगीण विकास में ढांचागत विकास और क्षमता विकास दोनों की बराबर भूमिका है. कई बार ढांचागत विकास के बजाय क्षमतागत विकास ज्यादा परिणामकारी होता है.
उक्त विचार राज वेस्टपावर के निदेशक कमलकांत ने राजकीय माध्यमिक विद्यालय, भादरेश कांसेप्ट क्लास श्रृंखला का शुभारम्भ करते हुए व्यक्त किये. आज की पहली श्रृंखला में स्टडी टेक्निक्स पर कार्यशाला आयोजित की गई.
कमलकांत ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी बच्चो के बीच क्षमता का नहीं बल्कि सुविधाओ एवं तकनीक का अंतर है. राज वेस्टपावर लिमिटेड इस सम्बंध में पूर्ववत सहयोग करता रहेगा. हम हमारे समुदाय की समेकित प्रगति को लेकर प्रतिबद्ध हैं.
इस अवसर पर जाने-माने शिक्षाविद प्रोफेसर हरीदास व्यास ने कहा कि अच्छे अध्यापक एवं छोटे बच्चो को परस्पर चर्चा में आनंद आना चाहिए. भारतीय प्रशासनिक सेवा में लगभग 72% अधिकारी ग्रामीण परिवेश से आते है अर्थात् ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओ की कमी नहीं है. परीक्षा में सफल होने के लिए अतिआत्मविश्वास तथा आत्मविश्वास की कमी दोनों को दूर करना आवयशक हैं. इसके लिए हमे पढ़ाई से धीरे धीरे मित्रता करनी होगी.
हमारी लिखावट हमारा दूसरा परिचय है अतः हमे प्रतिदिन 25 मिनिट अपनी लिखावट के ख़राब अक्षर और मात्राओं को सुधारने का प्रयास करना चाहिए. सटीक तैयारी के लिए दैनिक पढ़ाई की डायरी बनाए तथा परीक्षा कक्ष में दूसरो की गतिविधियों पर कतई ध्यान न दें. उत्तर लिखने से पहले प्रश्न को दो बार अवश्य पढ़े.
युवा शिक्षा मनोवैज्ञानिक माही अरोड़ाने इस अवसर पर कहा कि हमारी याददाश्त दो प्रकार की, अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक होती है. अल्पकालिक याददाश्त 30 सेकंड की होती है जिसमे हम 7 शब्द या अंक याद रख सकते है. सीखी हुई बातो को दोहरा कर दीर्धकालिक याददाश्त में बदला जा सकता है.इस अवसर पर विशेषज्ञों ने बच्चों के परीक्षा की तैयारी के बारे में पूछे गए प्रश्नों के जवाब भी दिए..
कार्यक्रम का संचालन राज वेस्टपावर के सीएसआर हैड विनोद विट्ठल ने किया. शाला के प्रधानाध्यापक देवीसिंह ने कंपनी की इस पहल के लिए आभार व्यक्त किया.इस अवसर पर सीएसआर टीम की ओर से आलोक द्विवेदी, अनीता छंगाणी और हेमंत कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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