भारत से बेहतर गीतकार पूरी दुनिया में नहीं- जावेद अख्तर
जयपुर।

साहित्य के कला प्रेमियों के अद्भुत समागम का उद्घाटन होने के बाद "चारबाग" में गीतकार जावेद अख्तर के सत्र "गाते जाए बंजारा" का प्रारंभ हुआ।
उन्होंने हिंदी और उर्दू गीतों की रचनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत से बेहतर गीतकार पूरी दुनिया में नहीं हैं। इसके लिए उन्होंने महाभारत और रामायण का भी जिक्र किया।
उन्होंने हाल के हिंदी फिल्मों में आए गीतों के बोल (जैसे "गंदी बात") पर कहा कि गीतों के ऎसे बोल कुछ दिन ही लोगों की जुबान पर रहते हैं। वे ज्यादा दिन तक याद नहीं रहते। ऎसे बोल थोड़े दिनों की प्रसिद्धि पाने के लिए हैं।
उन्होंने कहा कि आज भी लोग पुराने गीतों के अच्छे बोल ही गुनगुनाते हैं क्योंकि वे बोल लंबे समय तक लोगों को याद रहते हैं।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि आज के लोग अच्छे गीत लिखें। अब तो लोगों को किताबें पढ़ते ही नहीं देखा जाता है तो फिर ये कैसे उम्मीद की जाए कि गीतों के अच्छे बोल लिखे जाएंगे?
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