इन्टैक बाड़मेर चैप्टर द्वारा आयोजित हैरीटेज वाॅक
सम्पन्न
बाड़मेर 
इण्टेक बाड़मेर चैप्टर द्वारा बाड़मेर की विरासतों व लोक कलाएं, संस्कृति, सांस्कृतिक धरोहर, हमारी परम्पराओं को जानने के लिए विद्यार्थियों के लिए इन्टैक हैरीटेज वाॅक व साथ ही प्रकृति से सम्बन्धित क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई।
 27 जनवरी को प्रातः 11 बजे संकटग्रस्त विरासत क्षेत्र जूना पतरासर व साथ ही हिंगलाज मंदिर जसाई में केन्द्रीय विद्यालय जालीपा कैंट के छात्र-छात्राओं द्वारा हैरीटेज वाॅक की गई व इसी के संदर्भ में स्थानीय वनस्पतियों व जीव-जंतुओं पर वन विभाग, बाड़मेर द्वारा क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इसी कार्यक्रम के तहत् 27 जनवरी को इन्टैक के स्थापना दिवस पर हैरीटेज डे के रूप में मनाया जाता है। जूना पतरासर पर मंदिर में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस मौके पर वन विभाग के उप वन संरक्षक लक्ष्मणलाल, धीराराम व अन्य सदस्य व केन्द्रीय विद्यालय जालीपा कैंट की प्रेमा सिंह के नेतृत्व में विद्यार्थी, केयर्न इण्डिया के प्रतिनिधि ए.पी. गौड, इन्टैक बाड़मेर चेप्टर के संयोजक यशोवर्धन शर्मा, सह संयोजक संजय रामावत, सह सह संयोजक पंकज चितारा, सचिव प्रेमसिंह राणीगांव, जोरसिंह, सांगसिंह लुणु, जूना पतरासर के दीपाराम व अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे। साथ ही क्विज प्रतियोगिता में विजयी रहे विद्यार्थियों को वन विभाग, बाड़मेर द्वारा पारितोषिक देकर सम्मानित किया गया। इस क्विज प्रतियोगिता में कुल 45 छात्र/छात्राओं ने भाग लिया और अपने क्षेत्र की संस्कृति व विरासतों से सम्बन्धित सवालों के जवाब दिए।
एक ही मंच पर उद्योगपति, व्यवसायी, शिक्षक, विद्यार्थी, इतिहासकार, पर्यावरणविद्, साहित्यकार, जनसाधारण इत्यादि सभी वर्गों ने एक साथ बैठकर देश की बहुमूल्य कला, गौरवशाली संस्कृति, विरासत, पर्यावरण, लोक परम्पराओं, पुरा सम्पदाओं आदि पर विचार-विमर्श, खोज एवं संरक्षण का प्रयास करने का संकल्प लिया।
इन्टैक बाड़मेर चैप्टर के संयोजक यशोवर्धन शर्मा ने उपस्थित सदस्यों एवं आगंतुकों को आयोजन में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया साथ ही आने वाले समय में संग्रहालय व अन्य विरासतों से सम्बन्धित आयोजन करवाने का भरोसा दिया। इसके अतिरिक्त छात्र/छात्राओं ने भी इण्टैक द्वारा आयोजित हैरीटेज वाॅक व क्विज प्रतियोगिता के बारे में अपने विचारों से आगंतुकों को अवगत करवाया।
इन्टैक बाड़मेर चैप्टर ने ऐसे आयोजन कर इसका हमारे क्षेत्र में संकटग्रस्त विरासतों को लुप्त होने से बचाने के लिए प्रयास तीव्र गति से आरम्भ कर दिए हैं। भविष्य में भी विभिन्न प्रकार की गतिविधियों से बाड़मेर की विरासतों व लोक कलाओं, संस्कृति, सांस्कृतिक धरोहर और मारवाड़ की परम्पराओं को संरक्षित करने का प्रयास किया जाता रहेगा।

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