बाड़मेर जल ग्राम के रूप मे कुण्डल गांव चयनित
- जिला कलेक्टर ने किया सम्बोधित 
- उठी जल चेतना की बात 
बाड़मेर 
जल संसाधन विभाग द्वारा इंडिया वाटर वीक 2015 के अन्तर्गत हमारा जल हमारा जीवन विषय पर आधारित एक दिवसीय कार्यषाला में बाड़मेर जिले के सिवाना पंचायत समिति के कुण्डल गांव को आदर्ष जलग्राम के रूप में चयनित किया गया है बाड़मेर जिला कलेक्टर मदूसूदन शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यषाला हमारा जल हमारा जीवन में यह जानकारी दी गई। जिला कलेक्टर मदूसूदन शर्मा ने कार्यषाला को संबोधित करते हुए कहा कि बाड़मेर में पानी बरसों से यहां के निवाससियों के लिए चुनौती रहा है। जल पंच महाभूतों मंे से एक है और इन्ही पंच महाभूतों से ही यह दुनिया बनी हुई है। सरकार के इंडिया वाटरपीक के आयोजन के पीछे उद्देष्य पानी पर बेहतर प्लानिंग और पानी के संरक्षण की बता को मुखर करना है। देष के कई इलाके पानी की कमी से युक्त रहे है। राज्य एवं जिला स्तर के साथ-साथ ग्रामीण स्तर पर कमेटियों का गठन किया गया है इन कमेटियों के साथ-साथ हर नागरिक का यह फर्ज बनाता है कि जल के सदुपयोग के लिए मंथन करे। जिला कलेक्टर ने कहा कि दूषित पानी भी कई मर्तबा बिमारियों का कारण बनता है। बाड़मेर जैसे ईलाके में भूजल में अत्यधिक मात्रा में खारापन भी बड़ी समस्या है इससे निपटना हम सभी के लिए चुनौती है।जिले के प्रोफाइल की जानकारी देते हुए अधिषाषी अभियंता जल संसाधन मगराज डाभी ने बताया कि बाड़मेर में एक मात्र बांध के रूप में मेली बांध है जिसमें 18 फिट पानी की भराव क्षमता है। वहीं विभिन्न जल संसाधनों के माध्यम से जिले में जल उपलब्धता की स्थिति अन्य जिलों की तुलना में काफी कमजोर है। जिले के जल उपलब्धता एवं संसाधनों की जानकारी के बाद जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग अधिक्षण अभियंता नेमांराम परिहार ने वर्तमान में जलदाय विभाग द्वारा जिले में आपूर्ति किये जाने वाले पेयजल के बारे में विस्तार से उन्होनें बताया कि बाड़मेर जिले के दो शहरों बाड़मेर एवंे बालोतरा 489 ग्राम पंचायतों एवं करीब 11 हजार ढाणियां है। इस सभी तक पेयजल पहुंचाना विभाग का लक्ष्य है जिसमें कुछ ढाणियों को छोड़कर हर जगह पर पेयजल पहुंच चुका है साथ ही विभाग की सीसीडीयू ईकाई द्वारा जिले भर में जल बचत के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है जिनके माध्यम से आम जनता को जल बचाने की सिख दी जा रही है। केन्द्रिय भूजल विभाग के सहायक अभियंता अर्जुनसिंह गहलोत ने जिले में वर्तमान में भूमिगत जल को लेकर अपने विचार प्रकट किये। उन्होनें बताया कि वर्तमान में बाड़मेर जिले के आठ ब्लाॅक में से सात ब्लाॅक डार्क जाॅन घोषित हो रखे है साथ ही यहां मौजुदा जल विष्व स्वास्थ्य संगठन के मानको के हिसाब से बेहद खराब है जिला परिषद के अधिषाषी अभियंता बलवीरसिंह चैधरी ने अपने उद्बोधन ने कहा कि जिला परिषद के माध्यम से जिले भर में पक्के पेयजल स्त्रोत निर्माण के साथ-साथ विभिन्न एनिकटों का निर्माण करवाया गया है जिसे अधिक से अधिक वर्षा जल सग्रहण एवं भूजल सवर्धन हो पा रहा है। कार्यषाला में जल प्रबंधन में जल सहभागिता, एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन कृषि में जल की मात्रा एवं जल बचत की संभावनाएं, जल प्रबंधन मांग एवं आपूर्ति, भविष्य की संभावनाएं एवं समयबद्ध क्रियान्वयन के उपाय और जिले की प्रोफाईल पर भी चर्चा हुई।
कार्यषाला में जल संसाधन विभाग के कनिष्ठ अभियंता मनिष विष्नोई ने जल संरक्षण की विभिन्न तकनिकों के बारे में अपने विचार पटल पर रखे वहीं जल स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की सीसीडीयू ईकाई के आईईसी परामर्ष दाता अषोकसिंह राजपुरोहित ने जिले में चल रही जल जन जागरूकता योजनाओं के बारे में अपने विचार रखे । इस कार्यषाला में सिवाना पंचायत समिति के कुण्डल गांव को आदर्ष जलग्राम के लिये चयन किया गया।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top