कृष्णमय हुआ पांडाल
बाडमेर 
स्थानीय गोलेच्छा ग्राउण्ड मंें चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन में लक्ष्मणदास जी महाराज ने चार धर्म, व चार वर्णो के बारे में बताया व कृष्ण नन्दोत्सव में सुंदर झांकी के साथ जयघोष के साथ नन्द के घर आंनद भयो से पांडाल गुंज उठा। महाराज ने माखण चोरी पर कहा मनरूपी माखण की प्रभु चोरी करते है प्रभु गौ सेवा हेतू ही ग्वाला बने। व नाम गोपाल बना। आज कथा प्रसंग मैं छप्पन भोग की संुदर झांकी सजाई गई। भोग के पर पर श्रोता झूम उठे। आज कृष्ण रूखमणी विवाह बड़े धूमधाम मनाया जायेगा।
कथा के अन्त में उत्सवों को लेकर श्रोता झूम उठे, चारों ओर से जय जयकरे उठने लगे। कथा के अंत में दुर्गाषंकर ने सभी का आभाया जताया। बाबूलाल माली ने समय पर आने का आह्वान किया। मंच संचालन एडवोकेट महेष सोनी ने किया।

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