अब खुद करें अपने कागजात का सत्यापन, एक जनवरी से होगी व्यवस्था
जयपुर।
अब अपने कागजात के सत्यापन के लिए आपको राजपत्रित अधिकारियों के घर-दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। आप खुद ही अपने कागजात का सत्यापन कर सकेंगे। राजस्थान में यह व्यवस्था एक जनवरी, 2015 से लागू होगी। यदि सत्यापन गलत किया तो सजा भुगतने को तैयार रहना होगा। मुख्य सचिव से हरी झंडी मिलने के बाद प्रशासनिक सुधार विभाग ने सोमवार को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कई बार अपने भाषणों में इस तरह की व्यवस्था की पैरवी कर चुके हैं।
राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि ऎसा देखा जा रहा था कि शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश, सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार के लिए आवेदन तथा विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कागजात का सत्यापन कराने में अभ्यर्थी का बहुत समय खराब हो जाता है। इसलिए इस प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है।
आदेश के मुताबिक कोई भी विभाग एक जनवरी के बाद अभ्यर्थी से सत्यापन के लिए नहीं पूछेगा। अभ्यर्थी के स्वयं सत्यापित किए कागजात ही सही माने जाएंगे। सभी विभागों और सरकारी संस्थाओं को अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी देनी होगी कि कौन-कौन से कागजात के सत्यापन की जरूरत नहीं है। सिर्फ कानूनी मामलों में ही सत्यापन की जरूरत होगी।
स्व-सत्यापन से पहले यह जान लें...
अगर गलत जानकारी दी तो : छह माह तक की सजा हो सकती है और एक हजार रूपए का जुर्माना किया जा सकता है। यह सजा दो साल तक बढ़ाई जा सकती है।
अगर दिए झूठे साक्ष्य : धारा 193 के तहत झूठे साक्ष्य देने पर सात साल तक हो सजा का प्रावधान। यदि जान-बूझकर झूठे साक्ष्य प्रस्तुत किए तो तीन साल तक की सजा का प्रावधान है।
झूठे प्रमाण पत्रों पर हस्ताक्षर : धारा 197 सात साल तक की सजा का प्रावधान है। गलत ब्यौरा: धारा 199 के तहत 7 साल तक सजा का प्रावधान है।
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