पैम्पलेट-पोस्टर पर मुद्रक का नाम न होने पर होगी प्रेस जब्त 
बाड़मेर 
जिले में नगरीय निकाय चुनाव के दौरान प्रिटिंग प्रेस मालिकों द्वारा पैम्पलेट व पोस्टर के प्रकाशन के दौरान उनके मुख पृष्ठ पर मुद्रक, प्रकाशक का नाम नहीं होने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इसके तहत प्रिटिंग प्रेस की जब्तगी, जुर्माना, कारावास आदि शामिल है।
जिला मजिस्ट्रेट तथा जिला निर्वाचन अधिकारी मधुसूदन शर्मा ने नगरीय निकाय चुनाव 2014 के दौरान पैम्पलेटों एवं पोस्टरों आदि के मुद्रण पर नियंत्रण संबंधी दिशा निर्देश जारी किए है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जिले में नगरीय निकाय चुनाव 22 नवम्बर को होने है तथा इस चुनाव के सिलसिले में विभिन्न राजनैतिक दलों, अभ्यार्थियों, उनके समर्थकों, कार्यकर्ताओं, व्यक्तियों, संगठनों द्वारा पेम्पलेट, पोस्टर, विज्ञापन, हैण्डबिल आदि के प्रकाशित कराने के लिए मुद्रित करवाया जाना संभावित है, जो किसी राजनैतिक दल एवं अभ्यर्थी के पक्ष में या विपक्ष में चुनाव अभियान को प्रोत्साहित करने वाले हो सकते है।
शर्मा ने बताया कि ऐसे पेम्पलेटो, पोस्टरों आदि के मुद्रण पर नियंत्रण के संबंध में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127-क के प्रावधानों की पालना करना आवश्यक है। इसमें कोई भी व्यक्ति किसी ऐसे पेम्पलेट या पोस्टर को प्रकाशित या मुद्रित नहीं करेगा अथवा नहीं करवाएगा, जिसके मुख पृष्ठ पर उसके मुद्रक और प्रकाशक का नाम और पता नही दिया गया हो। कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचक पेम्पलेट या पोस्टर का मुद्रण तब तक नहीं करेगा या करवाएगा जब तक कि उसके प्रकाशन के पहचान की घोषणा उसके द्वारा हस्ताक्षरित और दो व्यक्तियों द्वारा जिनको वह व्यक्तिगत रूप से जानता हो, सत्यापित कर दो प्रतियों में मुद्रक को नहीं दे दी जाती।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है कि मुद्रित प्रत्येक निर्वाचक पेम्पलेट, पोस्टर या ऐसी अन्य सामग्री पर मुद्रकीय हाशिये में उसके मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम एवं पता स्पष्ट रूप से अंकित किया जाए। इसके साथ निर्धारित प्रपत्र में प्रकाशक के हस्ताक्षरित एक घोषणा पत्र होगा और ऐसे दो व्यक्तियों द्वारा सत्यापित किया जाएगा जो प्रकाशक को व्यक्तिगत रूप से जानते हो। प्रकाशक की घोषणा और मुद्रित सामग्री की चार प्रतियंा उसके मुद्रित किए जाने के तीन दिनों के भीतर जिला मजिस्ट्रेट को प्रेषित करना आवश्यक होगा।
शर्मा ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों का किसी भी प्रकार से उल्लघंन या अतिक्रमण किए जाने पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी जिसमें संबंधित मुद्रणालय के अनुज्ञापत्र को समाप्त कर जब्तगी किए जाने की कार्यवाही के शामिल होने के साथ ही कारावास एवं जुर्माना का प्रावधान है। कारावास छः माह तक तथा जुर्माना दो हजार रूपये तक बढ़ाया जा सकता है या दोनों सहित दण्डनीय भी हो सकता है। उन्होने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर पैम्पलेट, पोस्टर, बैनर, होर्डिग आदि बिना सक्षम अनुमति के लगाने पर सम्पति विरूपण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि नगर परिषद में पार्षद के चुनाव व्यय की अधिकतम सीमा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 60 हजार रूपये निर्धारित की गई है। उन्होने बताया कि चुनाव लडने वाले सभी प्रत्याशियों को परिणाम की घोषणा के तीन दिन में खर्चे का ब्यौरा रिटर्निग अधिकारी को प्रस्तुत करना होगा।

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