रामपाल पर दबाव बनाने में जुटी है सरकार, राजद्रोह का मामला दर्ज
बरवाला 
Image Loadingस्वयंभू संत रामपाल पर समर्पण के लिए दबाव बनाने की खातिर हरियाणा पुलिस ने रामपाल तथा उनके कई समर्थकों के खिलाफ राजद्रोह तथा अन्य गंभीर आरोपों में मामले दर्ज किए हैं और साथ ही उनके साथ किसी प्रकार के समझौते से इंकार किया है। आश्रम में कल पुलिस और रामपाल समर्थकों के बीच सशस्त्र संघर्ष हुआ था। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक एस एन वशिष्ठ ने आज बताया कि अदालत की अवमानना के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में पेशी के लिए रामपाल को गिरफ्तार किए जाने तक पुलिस अपना अभियान जारी रखेगी। उन्होंने बताया कि आश्रम प्रशासन ने चार महिलाओं के शव तथा एक बच्चों सहित दो बीमार व्यक्तियों को सौंपा। बीमार लोगों की भी बाद में अस्पताल में मौत हो गयी। इन लोगों की मौत के कारणों की जांच की जाएगी।

वशिष्ठ ने चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि समझौते की कोई संभावना नहीं है, ऐसी कोई योजना तक नहीं है। वह गंभीर अपराधों के आरोपी हैं। मेरा उन्हें सुझाव है कि उन्हें कानून के समक्ष समर्पण कर देना चाहिए। पुलिस ने बीती रात रामपाल, आश्रम के प्रवक्ता राज कपूर, एक अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारी पुरुषोत्तम दास तथा कई अन्य अनुयायियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में नए मामले दर्ज किए।

रामपाल के खिलाफ धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, या युद्ध छेड़ने का प्रयास, या युद्ध छेड़ने के लिए भड़काने का प्रयास), 121 ए (राज्य के खिलाफ कुछ विशेष अपराधों को अंजाम देने के लिए साजिश रचना) और 122 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मकसद से हथियार आदि एकत्र करना) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अतिरिक्त आरोपियों के खिलाफ धारा 123 (युद्ध छेड़ने की मंशा को छिपाने) और हत्या का प्रयास, मारपीट तथा शस्त्र अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

कल पुलिस और रामपाल समर्थकों के बीच आश्रम में छिड़े संघर्ष के बाद ताजा मामले दर्ज किए गए। समर्थकों पर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से गोलीबारी की और पेट्रोल बम फेंके। रामपाल पहले ही हत्या के एक मामले में आरोपी हैं। इस सप्ताह के शुरू में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सरकार को अदालत की अवमानना के मामले में रामपाल को पेश करने के लिए शुक्रवार तक का समय दिया था। इसके बाद से प्रशासन सतलोक आश्रम के भीतर और बाहर उनके अनुयायियों से वहां से चले जाने और अदालत के आदेश के पालन में मदद करने को कह रहा था।

आश्रम छोड़ बाहर आ रहे हैं अनुयायी 
सतलोक आश्रम में पिछले कई दिनों से डेरा डाले बाबा रामपाल के अनुयायी आज बाहर निकले और उन्होंने बताया कि किस तरह से उन्हें वहां रोक कर रखा गया था और अभी अंदर कई हजार अनुयायी हैं जो परिसर छोड़ना चाहते हैं। विभिन्न क्षेत्रों से आये अनुयायिओं ने दावा किया कि रामपाल के निजी कमांडो उन्हें वहां से निकलने नहीं दे रहे हैं लेकिन वे उन्हें समझा-बुझाकर बाहर आ पाए हैं।

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक एस एन वरिष्ठ ने संवाददाताओं से कहा कि आश्रम में करीब 15 हजार लोग थे जिनमें से 10 हजार बाहर आ गए हैं। ग्वालियर से यहां आए वीरेन्द्र ने कहा, हम कुछ दिन पहले आश्रम में सत्संग के लिए आए थे। बाद में हमें रूकने को कहा गया और बाहर नहीं आने दिया गया। निजी कमांडो ने कहा कि हम अंदर सुरक्षित रहेंगे और खाना देने के साथ ध्यान रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें समझाया कि हमें कुछ दवाइयों की जरूरत है और इस तरह से हम किसी तरह से सुबह में बाहर आ पाए। अपनी मां के साथ आश्रम से बाहर आने वाले वीरेन्द्र ने दावा किया कि कुछ हजार अनुयायी आश्रम से बाहर आए हैं जबकि काफी संख्या में अनुयायी अभी भी अंदर हैं जिनकी संख्या कई हजार हो सकती है।

इस सप्ताह पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को रामपाल को पेश करने के लिए शुक्रवार तक का समय दिया। आश्रम से बाहर आने वाली उत्तरप्रदेश की एक अधेड़ उम्र की महिला ने कहा कि आश्रम के अंदर कई महिलाएं ऐसी हैं जिनके दो साल की आयु के छोटे छोटे बच्चे हैं। राशन की आपूर्ति काफी कम हो गई है।

हिसार के एसपी सत्येन्द्र कुमार गुप्ता ने कहा कि पुलिस और लोक प्रशासन अनुयायिओं को गंतव्य तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने अनुयायिओं को लाऩे़जाने के लिए बसों को सेवा में लगाया है। आज हरियाण राजमार्ग की बसों को आश्रम के पास सड़क के किनारे खड़ा देखा जा सकता है, जिनसे हिसार बस अड्डा और रेलवे स्टेशन जाने को इच्छुक अनुयायिओं को ले जाया जायेगा। इस बीच बरवाला के कई ग्रामीणों ने अनुयायिओं, पुलिस और मीडियाकर्मियों को भोजन प्रदान करने की पहल की है।

आश्रम ने चार महिलाओं के शव पुलिस को सौंपे
हरियाणा में हिसार जिले के बरवाला नगर स्थित स्वयंभू संत रामपाल के आश्रम के स्टाफ ने पुलिस को चार महिलाओं के शव सौंपे। उन्होंने एक बच्चे सहित दो बीमार लोग भी पुलिस को सौंपे जिनकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक एसएन वशिष्ठ ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आश्रम के अधिकारियों ने 70 वर्षीय एक बुजुर्ग सहित चार महिलाओं के शव सौंपे। जिन महिलाओं के शव सौंपे गए, उनकी पहचान दिल्ली निवासी सविता (31), रोहतक निवासी संतोष (45), बिजनौर निवासी राजबाला (70) और पंजाब के संगरूर निवासी मलिकित कौर (50) के रूप में हुई है।

पुलिस महानिदेशक ने बताया कि इसके अतिरिक्त 20 वर्षीय रजनी, जिसकी हदय रोग के चलते स्थिति गंभीर थी, को सुबह करीब चार बजे आश्रम से हिसार अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तीन घंटे बाद उसकी मौत हो गई। डेढ़ साल के एक बच्चे की भी मौत हो गई, जो जन्मजात पीलिया से पीडित था। बच्चे के पिता का नाम विपिन प्रताप सिंह है।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इन मौतों के सही कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी। उनके साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके महापात्र और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजीव कौशल भी थे। वशिष्ठ ने कहा कि शव हिसार के नजदीक अगरोहा स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजे गए हैं और मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए उनका पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मत मिलीं चारों महिलाओं के शरीर पर कोई घाव नहीं हैं और अब तक पुलिस यह नहीं जानती कि किस समय और किन परिस्थितियों में उनकी मौत हुई।

पुलिस का अभियान जारी 
हरियाणा पुलिस ने आज कहा कि राज्य में हिसार जिले के बरवाला स्थित आश्रम में छिपे स्वयंभू संत रामपाल को पकड़ने के लिए अभियान जारी रहेगा। कल रामपाल के समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़पों के बाद पुलिस ने शाम के समय अभियान स्थगित कर दिया था। कल हुई हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि कल अभियान इसलिए स्थगित कर दिया गया था, ताकि यहां सतलोक आश्रम से रामपाल के अनुयायी बाहर आ सकें और अपने घरों को लौट सकें। रात में कुछ महिलाएं और बच्चों बाहर आए तथा वे अपने घरों को लौटने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मी रामपाल को आश्रम से बाहर निकालने और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में पेश किए जाने तक अपना अभियान जारी रखेंगे। उच्च न्यायालय ने रामपाल के खिलाफ नए सिरे से गैर जमानती वारंट जारी किया था।

रामपाल को गिरफ्तार करने के प्रयासों के तहत कल हुई क्षड़पों में सुरक्षाकर्मियों और मीडियाकर्मियों सहित 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। सुरक्षाकर्मियों को स्वयंभू संत के समर्थकों की ओर से कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था, जिन्होंने कथित तौर पर पुलिस पर गोलीबारी की थी और पेट्रोल बम फेंके थे।

पुलिस ने रामपाल के समर्थकों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे और लाठीचार्ज किया था। तनाव उस समय बढ़ा था जब रामपाल के समर्थकों ने पुलिस की ओर से लाउडस्पीकरों पर की गई घोषणाओं को अनसुना कर दिया। पुलिस ने इन लोगों से कहा था कि वे सुरक्षाकर्मियों को परिसर के अंदर प्रवेश करने दें। पुलिस ने आरोप लगाया था कि रामपाल ने आश्रम के भीतर लोगों को बंधक बना लिया है।

उच्च न्यायालय ने अवमानना मामले में रामपाल के बार-बार पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ नए सिरे से गैर जमानती वारंट जारी किया था और अधिकारियों को स्वयंभू संत को पेश करने के लिए शुक्रवार तक की समयसीमा दी है।

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