Sant Rampal`s supporters clash with police"युद्ध क्षेत्र" बना हिसार, संत रामपाल के समर्थकों ने पुलिस पर गोलियां चलाई

हिसार। 
संत रामपाल को गिरफ्तार करने के लिए चलाया जा रहा प्रशासनिक अभियान आज हिंसक दौर में पहुंच गया। पुलिस और संत समर्थकों में जमकर गोलीबारी हुई जिसमें कई लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर आ रही है। पुलिस की कार्रवाई में लगभग 100 लोग घायल हुए हैं। मामले की कवरेज कर रहे मीडिया कर्मियों पर भी पुलिस ने लाठियां भांजी। कई मीडिया कर्मियों के कैमरे छीन लिए गए ताकि कवरेज ना हो सके। मीडिया कर्मियों पर लाठीचार्ज के सवाल पर डीजीपी ने सफाई देते हुए कहा कि प्रेसकर्मियों पर लाठीचार्ज करना पुलिस की मंशा नहीं थी। 

डीजीपी ने बताया कि पुलिस को अभी गोली चलाने के आदेश नहीं दिए गए हैं। पुलिस आश्रम में घुसने की कोशिश कर रही है। बाबा के समर्थक अंदर से पेट्रोल बम फेंक रहे हैं। 

डीजीपी ने बताया कि बाबा अभी आश्रम के अंदर ही है। जानकारी के मुताबिक संत रामपाल को गिरफ्तार करने के लिए आश्रम के चारों तरफ करीब 10 हजार पुलिस के जवान तैनात हैं। 

पुलिस ने समर्थकों को हटाने के लिए चेतावनी दी लेकिन बाद में लाठीचार्ज कर दिया। जिससे गुस्साएं समर्थकों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की जिसमें कई लोग बुरी तरह घायल हो गए। मामले की कवरेज कर रहे मीडिया कर्मियों को भी लाठी चार्ज का शिकार होना पड़ा। पुलिस ने भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। 

आश्रम के आसपास का क्षेत्र छावनी में तब्दील हो चुका है। जहां एक ओर पुलिस प्रशासन पूरी शक्ति के साथ आश्रम में घुसने का प्रयास कर रहा, वहीं दूसरी ओर समर्थक हिंसक प्रदर्शन पर उतारू हैं। समर्थकों ने पुलिस प्रशासन का चेतावनी देते हुए कहा है कि हम अपने जीते जी संत को गिरफ्तार नहीं होने देंगे, मर जाएंगे या मार देंगे। आश्रम रह-रह कर पुलिस और समर्थकों में गोली बारी जारी है। 

इससे पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर संत रामपाल की गिरफ्तारी के लिए सोमवार शाम पुलिस के आश्रम की ओर आगे बढ़ने पर कुछ युवको ने आत्मदाह का प्रयास किया। आश्रम के चारों ओर घेरा डाले बैठी पुलिस के कुछ जवानो ने जैसे ही आश्रम के मुख्य द्वार की ओर बढ़ने का प्रयास तो वहां 24 से अधिक युवा अनुयायी अचानक आगे आए और उन्होने अपने ऊपर तेल छिड़क लिया। जैसे ही इन्होने खुद को आग लगाने की कोशिश की तो पुलिस ने बड़ी मुश्किल से इन्हें रोका और फिर पुलिस इन युवाओं को वहीं छोड़कर वापिस लौट गई।

सतलोक आश्रम के प्रमुख संत रामपाल की गिरफ्तारी के लिए पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को दूसरे गिरफ्तारी वारंट की पालना नहीं होने पर 21 नवम्बर तक पालना का समय देते हुए तीसरा गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने गिरफ्तारी में नाकाम रहने पर हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि क्या सरकार ने इतना पुलिस बल मीडिया को दिखाने के लिए तैनात किया था। यह सरकार एक बाबा को भी गिरफ्तार नहीं कर पा रही है।

दूसरे गिरफ्तारी वारंट की पालना नहीं होने पर सोमवार को सुनवाई के दौरान न्याय मित्र ने राय दी कि हरियाणा के गृहसचिव, पुलिस महानिदेशक व मुख्यमंत्री को भी न्यायालय की अवमानना के नोटिस जारी किए जाएं। खण्डपीठ ने तीसरे वारंट की पालना की तिथि 21 नवम्बर तय करते हुए सरकार को रामपाल की गिरफ्तारी के सिलसिले में पुलिस बन्दोबस्त पर हुए खर्च का ब्यौरा पेश करने का भी आदेश दिया, ताकि इसकी वसूली भी संत से की जा सके।

शांतिपूर्ण हल चाहती है सरकार 
हरियाणा सरकार की ओर से सोमवार को यहां केबिनेट मंत्री रामविलास शर्मा ने कहा कि सरकार इस गतिरोध का शांतिपूर्ण हल चाहती है। हिसार के जिला प्रशासन ने बरवाला स्थित सतलोक आश्रम खाली करने का आदेश जारी करते हुए आश्रम के चारों ओर बच्चों, महिलाओं व अन्य को सुरक्षित निकलने देने का भरोसा दिया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार आश्रम के बैंक खातों को सीज किया गया है व आश्रम की जमीन भी कब्जे में लेने के लिए सरकार तैयारी कर रही है।

हरियाणा सरकार ने आश्रम की निगरानी के लिए केन्द्र सरकार से ड्रोन विमान की भी मांग की है। हालांकि ग्लाइडर से आश्रम की निगरानी की जा रही थी। पुलिस सोमवार शाम तक आश्रम के काफी करीब पहुंच गई थी व लाउड स्पीकर पर आश्रम से हट जाने की अपील की जा रही थी, लेकिन मौके से हजारों श्रद्धालु हटने को तैयार नहीं थे। पुलिस को करीब देखकर रामपाल के कमांडो भी शक्ति प्रदर्शन करते नजर आए।


गृह सचिव व पुलिस महानिदेशक हुए पेश
हाईकोर्ट की खण्डपीठ के समक्ष सोमवार को सुनवाई के दौरान हरियाणा के गृह सचिव व पुलिस महानिदेशक पिछले आदेश के मुताबिक व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। खण्डपीठ ने इन अधिकारियों से रामपाल की गिरफ्तारी में नाकाम रहने के बारे में लिखित जवाब पेश करने को कहा। न्याय मित्र अनुपम गुप्ता ने इसी दौरान खण्डपीठ को कहा कि सरकार राजनीतिक फायदे के लिए रामपाल को गिरफ्तार नहीं कर रही। हाईकोर्ट ने कहा कि रामपाल ड्रामा कर रहा है। वह बच्चों और महिलाओं को अपना कवच बना रहा है। 


खण्डपीठ के समक्ष जब रामपाल को आश्रम से बाहर किसी अस्पताल में दाखिल करने की बात रखी गई तो खण्डपीठ ने कड़ी आपत्ति जताई। खण्डपीठ ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी के चलते यह कैसे संभव हुआ। इस पर हरियाणा के महाधिवक्ता ने कहा कि रामपाल को आश्रम के अंदर ही एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ले जाया गया है। खण्डपीठ ने यह भी कहा कि यदि रामपाल बीमार हैं तो उनका ख्याल रखा जाए। आश्रम के प्रवक्ता बार-बार कह रहे हैं कि रामपाल अभी बीमार हैं और स्वस्थ होने पर अदालत में पेश होंगे।

सोमवार को हाईकोर्ट में रामपाल के पहुंचने की संभावना के मद्देनजर करीब-करीब सभी संवेदनशील समझे जाने वाले चंडीगढ के स्थानों पर रैपिड एक्शन फोर्स व अन्य पुलिस बल तैनात किया गया। आश्रम के बाहर सीआरपीएफ व पुलिस तैनात है। चंडीगढ के करीबी हरियाणा के शहर पंचकूला में निषेधाज्ञा लागू की गई है।


कौन हैं संत रामपाल
हरियाणा के सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर के पद से बर्खास्त किए गए रामपाल ने दान में मिली जमीन को लेकर रोहतक जिले के खरौटा में आश्रम की स्थापना की थी। वर्ष 2006 में इसी आश्रम के सिलसिले में आर्य समाजियों और रामपाल के अनुयायियों के बीच हुई फायरिंग में तीन लोग मारे गए थे। इस मामले में रामपाल को करीब 21 माह जेल में रहना पड़ा। 

इसके बाद वे जमानत पर रिहा किए गए। हाईकोर्ट में उनके खिलाफ अवमानना के मामले में सुनवाई चल रही है और इसी मामले में पेश होने के लिए जारी किए गए समन और गिरफ्तारी वारंट पर अमल नहीं हो रहा है। अवमानना के मामले रोहतक व हिसार की जिला अदालतों द्वारा भेजी गई शिकायतों पर शुरू किए गए हैं।

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