जितनी ताकत सत्यमेव जयते की है, उतनी ही श्रमेव जयते की भी: मोदी
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को 'श्रमेव जयते' योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए श्रम की जरूरत है। हमने आज तक श्रम को उचित दर्जा नहीं दिया है। हमें अब श्रमिकों के प्रति नजरिया बदलना होगा। हमारा श्रमिक श्रम योगी है। मोदी ने कहा कि सत्यमेव जयते जितनी ही ताकत श्रमेव जयते में भी है।
मोदी ने कहा कि हमें श्रमिकों की समस्याओं को श्रमिकों की आंख से देखना होगा, ना कि उद्योगपतियों की आंख से। उन्होंने कहा कि आज देश के पास नौजवानों की बहुत बड़ी फौज है। आइटीआइ का पक्ष लेते हुए मोदी ने कहा कि आइटीआइ तकनीकी शिक्षा का शिशु मंदिर है। इसे लेकर हीनभावना क्यों हैं? उन्होंने कहा कि आइटीआइ के होनहार छात्रों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। कागजी पढ़ाई में पिछड़ने वालों को आईटीआई में दाखिला मिलना चाहिए। मोदी ने कहा कि सरकार गरीबों के पीएफ में पड़े 27 हजार करोड़ रुपये वापस लौटाएगी।
इससे पहले देश में औद्योगिक विकास के अनुकूल माहौल तैयार करने के साथ-साथ श्रम क्षेत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएफ ग्राहकों के लिए यूनिवर्सल एकाउंट नंबर समेत कई योजनाओं का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने दक्षता विकास व श्रम सुधारों से संबंधित दीनदयाल उपाध्याय 'श्रमेव जयते कार्यक्रम' की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत चार योजनाएं लांच की गई।
पहली स्कीम के तहत प्रधानमंत्री ने देश के साढ़े ग्यारह हजार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे लगभग सोलह लाख छात्रों को एसएमएस भेज कर उनका उत्साहवर्द्धन किया।
दूसरी योजना के तहत भविष्य निधि ग्राहकों के लिए यूनीवर्सल एकाउंट नंबर (यूएएन) लांच किया। यूएएन के जरिए प्रत्येक ग्राहक अपने पीएफ खाते की ऑनलाइन जानकारी प्राप्त करने के साथ ही साथ पीएफ निकालने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकेगा। प्रतिष्ठान बदलने के बाद भी कर्मचारी का यूएएन नंबर वही रहेगा।
तीसरी स्कीम का संबंध श्रम सुधारों से है। इसके तहत श्रम मंत्रालय द्वारा तैयार एकीकृत श्रम पोर्टल व श्रम निरीक्षण योजना का शुभारंभ हुआ।
चौथी व अंतिम स्कीम उद्यमिता प्रशिक्षण यानी अप्रेंटिसशिप से जुड़ी है। देश में उद्यमिता प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए अप्रेंटिस प्रोत्साहन योजना शुरू की गई।
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