जिला कांग्रेस कमेटी ने भारत छोड़ों आंदोलन दिवस पर संगोष्ठी आयोजित
बाड़मेर
जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा भारत छोड़ा आंदोलन दिवस के अवसर पर शनिवार को कांग्रेस कार्यालय में संगोष्ठी का आयोजन किया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने देश के शहीदों को श्रृद्धांजलि अर्पित की। 
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष फतेह खान ने कहा कि आजादी से पूर्व द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भारत के सहयोग से ही ब्रिटेन को जीत मिली। ब्रिटेन ने माना कि भारत के सहयोग के बिना विश्वयुद्ध नहीं जीत सकते थे। इंग्लेड ने भारत के नेताओं से सहयोग और भारत को अर्द्ध स्वराज देने का प्रस्ताव रखा जिसे तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नहीं माना। नेता पूर्ण स्वराज और स्वतंत्रता पर अडिग रहे। 
संगोष्ठी में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता धनराज जोशी ने बताया कि 1885 से ही कांग्रेस की गतिविधिया शुरू हो गई थी। इतना लंबा इतिहास किसी भी पार्टी का नहीं रहा हैं। तत्कालीन नेता बाल-पाल और लाल ने कांग्रेस को मजबूती प्रदान की। ऐसे वीरो की वीरता को जितना सलाम करे वह कम हैं। इसी कड़ी में महात्मा गांधी ने आंदोलन का नेतृत्व करते हुए देश को आजादी दिलाने का काम किया। 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने करो या मरो का नारा देते हुए भारत छोड़ो आंदोलन को गति दी। 
संगोष्ठी में जिला उपाध्यक्ष यज्ञदत्त जोशी ने कहा कि 9 अगस्त 1925 को बिस्मिला खां के नेतृत्व में काकोरी कांड को अंजाम दिया जिसकी याद को ताजा रखने के लिए हर साल 9 अगस्त को काकोरी काण्ड स्मृति दिवस मनाने की परम्परा भगतसिंह ने शुरू की। इसमें बहुत बड़ी संख्या में नौजवान शामिल होते है और उसे क्रांति दिवस के रूप में याद करते हैं। जोशी के मुताबिक 9 अगस्त को देश मंे 940 लोग मारे गए जबकि 60229 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 
पूर्व ब्लाॅक अध्यक्ष बाड़मेर हरीशचंद सोंलकी ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही देश के लिए बलिदान देती आई हैं। उसी बलिदान के कारण आज लोग आजाद देश मंे जी रहे हैं। उन्होने बताया कि इस आंदोलन में महात्मा गांधी को गिरफ्तार करने के बाद आंदोलन का नेतृत्व लाल बहादुर शास्त्री द्वारा किया गया। गांधीजी के साथ कोकिला सरोजनी नायडू और डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद को भी जेलो में बंद किया गया। संगोष्ठी से पूर्व कांग्रेस नेताओं ने भारत छोड़ो में शहीद हुए वीर पुरूषों को पुष्पांजलि अर्पित कर एवं दो मिनट का मौन रखकर श्रृद्धांजलि अर्पित की। 
संगोष्ठी में उपसभापति चैनंिसह भाटी, मूलाराम मेघवाल, जगजीवनराम, विधि विभाग के अध्यक्ष सोहनलाल चैधरी, ब्लाॅक अध्यक्ष गोरधनसिंह, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ अध्यक्ष ईशा खां, नरेश देव सारण, कचरा खान, पार्षद दीन मोहम्मद, शंकरसिंह, महादेव परिहार, धनाराम पूर्व पार्षद, रफीक मोहम्मद, चुनाराम सारण, सफी मोहम्मद, जेतमालसिंह एवं कार्यालय सचिव ओमप्रकाश चैधरी, सहित कई पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे। 

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