श्री योजना से राज्य के प्रत्येक गांव का सुनियोजित और समग्र विकास किया जायेगा
 
जयपुर, 
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्रीमत् पाण्डे ने कहा है कि आगामी साढ़े चार वर्ष में श्री योजना सहित विभाग की अन्य योजनाओं के माध्यम से सुनियोजित और समग्र विकास कर राज्य के प्रत्येक गांव में आधारभूत ढ़ांचा विकसित किया जायेगा।
पाण्डे ने मंगलवार को श्री (स्॥क्रश्वश्व) योजना की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति की शासन सचिवालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रथम चरण में 5 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों को योजना में कवर किया जा रहा है, शेष गांवों को द्वितीय चरण में कवर किया जायेगा। गत एक अप्रेल को भरतपुर संभाग में शुरू हो चुकी इस योजना को शेष राज्य में आगामी 2 अक्टूबर से लागू किया जायेगा। स्॥क्रश्वश्व योजना में सेनिटेशन, हैल्थ, रूरल कनेक्टिविटी, एजूकेशन और एनर्जी बिन्दुओं पर जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि गुजरात तथा कुछ अन्य राज्यों की ग्रामीण विकास योजनाओं के महत्वपूर्ण प्रावधानों को शामिल कर ज्यादा आबादी वाले गांवों में श्री योजना का उन्नत संस्करण जिसमें आधारभूत ढ़ांचा के साथ ही बेहतर सेवा अदायगी पर पूरा जोर दिया जायेगा, को लागू करने पर भी विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि श्री योजना के 5 बिन्दुओं में शामिल ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, चिकित्सा, सार्वजनिक निर्माण,ऊर्जा, शिक्षा, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी, वन विभागों के साथ ही पंचायतीराज संस्थाओं को सौंपे गये सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास विभाग भी प्राथमिकता के आधार पर सीधे, कन्वर्जेंस या डवटेल के माध्यम से योजना की सफलता को सुनिश्चत करेंगे।
उन्होंने बताया कि ग्राम गौरव पथ का निर्माण कर स्ट्रीट लैम्प लगाए जाएंगे एवं सड़क के दोनों किनारे वृक्षारोपण किया जायेगा। इन गांवों में स्कूल, चिकित्सालय, आंगनबाड़ी केन्द्र के सुचारू संचालन की व्यवस्था भी की जायेगी।
ग्रामीण विकास सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने बताया कि मनरेगा, मगरा, डांग, मेवात क्षेत्र विकास योजनाओं की राशि को इस वर्ष प्राथमिकता के आधार पर नाली तथा सड़क निर्माण में व्यय किया जायेगा। प्रत्येक गांव में पाइप लाईन से शुद्घ पेयजल घरों तक पहुंचाया जायेगा।
पंचायतीराज आयुक्त राजेश यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने राज्य को मार्च, 2018 तक ओ.डी.एफ. (खुले में शौच से मुक्त) करने का लक्ष्य रखा है। श्री योजना को निर्मल राजस्थान अभियान से जोड़कर राज्य के प्रत्येक जिले में कम से कम एक ब्लॉक को इस वर्ष ओ.डी.एफ. करेंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकारी भूमि विभिन्न कार्यों के लिए चिन्हित करते हुए प्रत्येक गांव का मास्टर प्लान बनाया जायेगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक अम्बरीश कुमार ने चुने हुए गावों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान्ट लगाने का सुझाव दिया जिससे ग्रामीणों को गन्दगी से निजात मिलने के साथ ही साफ किया पानी खेती या बागवानी में काम आ सके।
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक डॉ. पृथ्वीराज, वन सचिव सी.एस. रत्नासामी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री एल.एल.दतोनिया, सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (ग्रामीण) जी.एल. राव, अधीक्षण अभियंता उत्तम कुमार, मिड-डे-मील के अतिरिक्त निदेशक आशुतोष वाजपेयी,कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक यशपाल भी उपस्थित थे।

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