40 हजार से अधिक लोगों ने जाना स्तनपान का महत्व
बाड़मेर ।
विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान केयर इंडिया,केर्यन इंडिया, महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में इलाके के 40 हजार से ज्यादा लोगों को स्तनपान का महत्व समझाया गया। 1 से 7 अगस्त के बीच आयोजित विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान बाड़मेर जिले के सिणधरी और गुड़ामालाणी क्षेत्र के करीब 75 से अधिक गांवों में स्तनपान से संबधित जानकारी देने, स्तनपान का महत्व समझानें के साथ उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया गया।
यह जानकारी देते हुए केयर इंडिया के दिलीप सरवते ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान गांवों में स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता, कठपूतली, ग्रामीणों के साथ समूह चर्चा, स्तनपान से जुड़ी प्रचार सामग्री के वितरण जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को स्तनपान के महत्व की जानकारी दी गयी।
केयर इण्डिया के परियोजना प्रबन्धक ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान पाया गया कि जिले के ग्रामीण इलाकों की महिलाएं जानकारी के अभाव में खीस (मां का पहला गाढ़ दूध) को फेंक देती है। सरवते ने कहा कि यह गलत है। उन्होनें बताया कि यह विश्व स्तनपान सप्ताह के कार्यक्रमों के दौरान ग्रामीणों को समझाया गया कि खीस शिशु के लिए सबसे आवश्यक आहार है। उन्हें बताया गया कि यह शिशु का पहला टीका है। सरवते ने बताया गयाकि ग्रामीणों को शिशु से सर्वांगीण विकास के लिए छः माह की अवधि तक उसे सिर्फ स्तनपान करवानें की सलाह दी गयी।
सरवते ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में स्तनपान को लेकर कई प्रकार भ्रांतिया भी फैली हुई है। जैसे ग्रामीण इलाके में लोग शिशुओं को जन्म लेते ही घुट्टी देती है और तुरंत स्तनपान नहीं करवाते है,। ग्रामीणों को इस प्रकार की बातों और भा्रंतियों से बचने के साथ ही जन्म लेते ही शिशु को स्तनपान करवाने की सलाह और महत्व के बारे में बताया गया।
‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि जानकारी के अभाव में आज भी ग्रामीण इलाकों के शिशुओं को मां के दुध से वंचित होना पड़ता है। मां का दुध अमृत के समान होता है और शिशु के सर्वागींण विकास के लिए यह जरूरी है। सरकार को ऐसे कार्यक्रमों का अधिक से अधिक आयोजन करना चाहिए, ताकि लोग स्तनपान के महत्व के बारे में जान सके और इससे जुड़ी भ्रांतिया दुर होने के साथ ही शिशुओं को अमृत से वंचित ना होना पड़ा।’’
- दमाराम चैधरी, सरपंच मालपुरा
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