पानी ने बना दिया थार को आम से खास ... 

अपने पारम्परिक पेयजल स्रोतों और पानी के लिए लम्बी जंग की वजह है सबकी नजरो में चढ़ चुका थार का बाड़मेर अब इसी पानी के चलते ही सबकी निगाहो में है। सरकार के नहरी पानी की सप्लाई की खुशी हो या पानी के चेतना कार्यक्रम को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल करने की उमंग। 24 घंटे एटीएम से पानी मिलाने की बात हो या फिर आम जनता में पानी की बढ़ चुकी कद्र ...हर किसी आधार ने बाड़मेर को एक बार फिर इसी पानी के चलते विश्व क्षितिज के सामने है। 

बाड़मेर
एक जमाने में पानी की एक एक बून्द को तरशने वाले थार में पानी का जिक्र हर किसी के लिए उस समस्या का जिक्र था जिससे वह बरसो से मुखातिब हो रहे है। यहा पानी की कीमत सोने से काम नहीं थी। पानी के लिए अपनी जिंदगी खपा देने वाले यहा के लोगो ने पानी को जंग की तरह देखे है। सरकार की जनता को उनकी मुलभुत सुविधाये दिलाने का वादा इस इलाके में बड़ी नहरी परियोजना के रूप में धरातल पर उतरा और इस इलाके को नहरी पानी की सौगात मिली लेकिन जिस पानी को जंग के जरिये लोगो ने पाया था और उसकी कीमत को समझा था उसी इलाके में सरकार द्वारा नहरी पानी देने के बाद बढ़ चली पानी की बेकद्री ने हर किसी को कई दिनों तक परेशान किये रखा लेकिन सरकार ने फिर अपने कदम बढ़ाये। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और सीसीडीयू के जनचेतना कार्यकर्मो के बाद पानी फिर इस इलाके के लोगो के लिए भगवान बनता नजर आया। बीते समय में थार के बाड़मेर में पानी ने जिस तरह सुर्खिया बटोरी है वह किसी मिशाल से काम नहीं है। इस इलाके में आम जनता में पानी की महता बताने के लिए किये गए प्रयासों को स्थानीय मिडिया से लेकर सात समंदर पार के समाचार पत्रो ने न केवल अपनी सुर्खिया बनाया बल्कि उसकी सराहना भी की। बाड़मेर में आयोजित हुए पानी की कीमत को खेल खेल के जरिए बच्चो में बताने के साप सीढ़ी के खेल ने मिशाल कायम की और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड 2014 में शामिल हुई देश की सबसे बड़ी साप सीढ़ी के तौर पर।इस उपलब्धि को राज्य की सरकार ने और खबरनवीशो ने किसी तमगे से काम नही बताया। पानी को अपने आँगन की सबसे बड़ी समस्या के तौर पर देखने वाले यहाँ के निवाशियो के लिए एटीएम से 24 घंटे शुद्ध पानी की स्कीम के बाद 160 गावो में आरो प्लांट अपने आप में किसी वरदान से काम नजर नहीं आता। बाड़मेर में हुए इस नवाचार पर सात समंदर पार अरब देश का सबसे बड़ा अखबार द गल्फ पोस्ट लिखता है कि बाड़मेर में यह काम किसी आस्चर्य से काम नही है वही 160 आरो प्लांट से महज 10 पैसे में 1 लीटर शुद्ध पानी की स्कीम को भारत में सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला अग्रेजी दैनिक द टाइम्स ऑफ इण्डिया सरकार की सबसे उम्दा स्कीम में बताता है जिसका सीधा फायदा सरहद के अंतिम छोर पर देते आम आदमी तक पहुचा है। द टाइम्स ऑफ इण्डिया लिखता है कि बाड़मेर में इस योजना से न केवल आम ग्रामीणो को फायदा पहुंचेगा बल्कि इस योजना को मिशाल के तोर पर भी सभी के सामने पेश किया जा सकता है। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और सीसीडीयू द्वारा इस इलाके में आम जनता में पानी को लेकर जान चेतना के लिए किये जा रहे कार्यो की लम्बी फहरिस्त में सेकड़ो कार्यक्रम शामिल है जिनसे अब तक हजारो लोग सीधे तोर पर जोड़े है। बाड़मेर के जनप्रतिनिधियो प्रशाशनिक अधिकारियो और स्थानीय संचार माध्यमो ने बाड़मेर के काम आम जनता तक सीधे पहुंच वाला काम बताया है। थार अपने आप में विषम प्रकृतिक परिस्थितयो वाला इलाका है जहा पर हर बाशिंदा आसमान से बरषने वाकई बरसात पर ही निर्भर है भूजल के चलते यह के लोगो के लिए पानी सबसे बड़ी समस्या रहा है ऐसे में आज इस इलाके में बाड़मेर-मोहनगढ लिफ्ट पेयजल परियोजना , उम्मेद सागर-धवा लिफ्ट पेयजल परियोजना , नर्मदा नहर परियोजना , इन्द्रा गांधी नहर परियोजना,पोकरण फलसुण्ड लिफ्ट पेयजल परियोजना और समदड़ी -सिवाना लिफ्ट पेयजल परियोजना से लाखो परिवार सीधे तोर पर लाभ ले रहे है।इस इलाके में पानी पर न केवल यहाँ के बाशिंदों बल्कि थार के साथी कहे जाने वाले पशुओ को भी नया जीवन मिल रहा है। नर्मदा नहर परियोजना , इन्द्रा गांधी नहर परियोजना इस धरती पर सोना उगला रही है और अकाल के चलते सूखे का दंश भोगने वाले किसान हर साल 3-3 फसले ले रहे है। आज यह सब कुछ बदला बदला है और सुखद है।इस इलाके में पानी ने जितने बदलाव इंशानी जिंदगी में किये है उतने बदलाव और कही नहीं किया बावजूद इसके आज पानी ही पहचान है बाड़मेर की। पहले यह पहचान सूखे ,अकाल और पानी की एक एक बून्द को तरसने वाले आम इन्शान के चलते थी लेकिन अब राजस्थान के इस रेतीले थार जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की बड़ी जल प्रदाय योजनाओ और सीसीडीयू जल चेतना की नजीर पेश करते कार्यक्रमों की वजह से है जो की सुखद बदलाव की कहानी बयां करते नजर आ रहे है। 

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