प्रधानमंत्री ने कहा, देश हित में कड़े फैसलों का वक्त आ गया है

पणजी
आर्थिक स्वास्थ्य के लिए कड़वे फैसले करने पड़ सकते हैं: प्रधानमंत्री मोदीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की इकॉनमी को सुधारने के लिए कड़े फैसले लेने की बात कही है। उन्होंने शनिवार को कहा कि हो सकता है कि इस तरह के फैसले कुछ वर्गों को अच्छे नहीं लगें पर ये फैसले शुद्ध रूप से देश के हित में लिए जाएंगे। साथ ही मोदी ने पिछली सरकार के आर्थिक मोर्चे पर कामकाज के तरीकों की कड़ी आलोचना की। 
मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'अगले 1-2 सालों में कड़े फैसले और कड़े उपायों की जरूरत है, ताकि देश में वित्तीय अनुशासन आ सके। इससे देश का विश्वास बहाल और मजबूत होगा।' 
करीब 3 सप्ताह पहले सत्ता संभालने के बाद यह पहला अवसर है जब मोदी ने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार के काम-काज पर तीखे हमले किए। प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने देश की बागडोर ऐसे समय में संभाली है, जब पिछली सरकार ने कुछ नहीं छोड़ा है। वे सब खाली करके गए हैं। देश का वित्तीय स्वास्थ्य रसातल में चला गया है।' उन्होंने यह भी कहा कि बहुत ही कम समय में उनकी सरकार के कुछ फैसले, सबको अच्छे न लगें। 
मोदी ने कहा, 'मुझे अच्छी तरह से मालूम है कि मेरे फैसलों से उस असीम प्यार पर चोट लग सकती है जो देश ने मुझे दिया है। लेकिन, मेरे देशवासी ऐसा समझेंगे कि इन फैसलों से वित्तीय हालात दुरस्त होंगी और उसके बाद मैं उस प्यार को फिर हासिल कर लूंगा।' 
प्रधानमंत्री ने आगाह किया कि यदि कठोर कदम नहीं उठाए गए तो वित्तीय स्थिति नहीं सुधरेगी। ऐसे में वह हर कदम उठाए जाने चाहिए जिसकी हमें जररत है। 
मोदी ने कहा, 'हम मोदी और बीजेपी की गुणगान करके देश का भला नहीं कर सकते। इसकी कोई गारंटी नहीं है कि मोदी का गुणगान करने से हालत सुधरेगी। हमें वित्तीय हालात सुधारने के लिए कड़े फैसले करने की जरूरत है।' 
इसके थोडी ही देर बाद मोदी ने सोशल नेटवर्किग साइट ट्विटर पर लिखा, 'राष्ट्रीय हित में कड़े फैसलों का समय आ गया है। हम जो भी फैसला करेंगे, वे शुद्ध रूप से राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर लिए जाएंगे।' 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह धारणा गलत है कि लोग देश के लिए काम नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार में ज्यादातर अधिकारी देश के लिए कुछ करने की तमन्ना रखते हैं। वे काम के लिए तैयार रहते हैं यह बात में प्रधानमंत्री के रूप में 15 दिन के अपने अनुभव से कह सकता हूं। 
इस साल के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'इसमें कोई चुनावी गणित नहीं था। यह आशाओं और आकांक्षाओं का चुनाव था। नतीजा हमारे सामने है। आजादी के बाद पहली बार किसी गैर कांग्रेसी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला है।'

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