दिक्षार्थी बहन पूजा बैद का किया अभिनन्दन
बाड़मेर।
दिक्षार्थी बहन पूजा बैद रायपुर व उनके माता - पिता का नाकोड़ा दरबार गु्रप द्वारा अभिनन्दन किया गया।
दिक्षार्थी पूजा बैद ने कहा कि संसार के समस्त दुःखों व पापों से लिप्त जीवों को शरण देने वाला श्रमण धर्म है। तीर्थंकर प्रभु उसी भव में अपना मोक्ष गमन जानते हुए संसार का त्याग करके संयम स्वीकार कर जगत् के जीवों को शाश्वत सुख का मार्ग प्रदर्शित करते है। दुर्लभ मनुष्य जीवन प्राप्त करके चरित्र ग्रहण करना ही मानव भव का सार है, मोक्ष की मंजिल तक पहंुचने का राजमार्ग संयम धर्म है। दिनभर में एक बार जरूर चिंतन कर की ‘‘क्यारे बनिश हूं साचो रे संत, क्यारे थसे म्हारो भवनो रे अंत। उन्होने कहा कि मेरे माता पिता ने सोचा था की हमारी बेटी दुल्हन बनेगी, उनके पास रहेगी, किन्तु मैने ठाना कुछ और ही, की मै तो जग में राज करूंगी, दासी नही मैं रानी बनूंगी, शासन की साध्वी बन मुक्ति महल में वास करूंगी। मैं इस संसार की सच्चाई को समझकर अनुभव कर प्रभु वीर के परम पथ की पथिका बनने जा रही हूं। प्रसन्नता के पुष्प, खुशियों की खुशबू एवं उत्सव से उछलती ह्दय की तरंगों के साथ मैं उस परमोच्च मार्ग की और अपने कदम बढ़ा रही हूूं। पूजा बहन ने कहा कि जब मैने अपने पिता से दिक्षा की आज्ञा मांगी तो पिताजी ने कहा कि तुम मुझे इंजनियरिंग करके दिखाओ में तुम्हे गिफ्ट दुंगा तब मेरे द्वारा इंजनियरिंग करने पर मैने गिफ्ट दिक्षा लेने की आज्ञा मांगी जो मेरे परिवाजन ने सहर्ष प्रदान कर दी। 
नाकोड़ा दरबार गु्रप एडमिन चन्द्रप्रकाश छाजेड़ ने बताया हमारे लिए अतिहर्ष का विषय है कि दिक्षार्थी बहन पूजा बैद हमारे गु्रप की सदस्या है। पूजा बैद की दिक्षा 24 जून को भगवान महावीर की कैवल्य ज्ञान प्राप्ति स्थल ऋजुबालिका बिहार में प.पू. गुरूदेव मधुरभाषी मुनि श्री पीयुषसागर जी, महेन्द्रसागर जी म.सा. की निश्रा में होगी पूजा बैद प.पू. मरूधर ज्योति साघ्वी श्री मणिप्रभा श्रीजी म.सा. की शिष्या बनेगी। 
दिक्षार्थी बहन पूजा बैद का खरतरगच्छ संघ बाड़मेर व कुशल वाटिका ट्रस्ट के पदाधिकारियों द्वारा भी आराधना भवन में अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष मांगीलाल मालू, उपाध्यक्ष भूरचंद संखलेचा, बंशीधर बोथरा, गौतम लुणिया, शांतिलाल छाजेड़, वीरचंद भंसाली, केवलचंद छाजेड़, रमेश मालू राजीव भंसाली, कल्पेश बोथरा सहित समाज के मौजीज व्यक्ति व संघ के ट्रस्टी उपस्थित थे। 

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top