..और पार्टी को मां बताते हुए फफक कर रो पड़े मोदी
नई दिल्ली।
नरेंद्र मोदी को मंगलवार को सर्वसम्मति से भाजपा संसदीय दल का नेता चुन लिया गया। पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने मोदी के नाम का प्रस्ताव पेश किया जिसका मुरली मनोहर जोशी, वैंकेया नायडू, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, कड़िया मुंडा, गोपीनाथ मुंडे, रविशंकर प्रसाद और मुख्तार अब्बास नकवी ने समर्थन किया।
नेता चुने जाने के बाद भाषण देते हुए नरेंद्र मोदी ने राजनाथ और आडवाणी का आभार जताया। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी का उल्लेख करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आज इस ऐतिहासिक क्षण में वो हमारे साथ होते तो सोने में सुहागा होता। मोदी ने कहा कि 13 सितंबर से 10 मई तक एक कार्यकर्ता के रूप में परिश्रम यज्ञ किया जिसका फल है कि हम सब आज यहां हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतंत्र की यही ताकत है कि मेरे जैसा गरीब परिवार से आया हुआ व्यक्ति यहां तक पहुंचा है। मोदी दोबारा उस समय भावुक हो गए जब उन्होंने आडवाणी के 'कृपा' शब्द के प्रयोग का जिक्र किया और कहा कि पार्टी मेरी मां है, मां की सेवा 'कृपा' नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि अगले दो साल काफी महत्वपूर्ण हैं। हम परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे, अपने लिए नहीं बल्कि देश के लिए जिएंगे। जब 2019 में आपसे मिलूंगा तब अपना रिपोर्ट कार्ड दूंगा। इससे पहले मोदी बैठक में पहुंचे तो उन्होंने संसद के सेंट्रल हॉल के मुख्य द्वार पर मत्था टेका। अंदर आने पर उन्होंने आडवाणी के पैर छुए।
इससे पहले भाजपा अध्यक्ष व निर्वाचन अधिकारी राजनाथ सिंह ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि आजादी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि कांग्रेस के अलावा किसी दल को पूर्ण बहुमत मिला है। उन्होंने पार्टी को देश भर में मिले जनसमर्थन का उल्लेख करते हुए कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हमारे संसद चुने गए हैं और इसका हमें बेहद गर्व है। इस मौके पर आडवाणी भावुक हो उठे और कहा कि 47, इमरजेंसी और आज मेरी आंखों में आंसू आए।
इसके बाद नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से 29 दलों के एनडीए संसदीय दल का नेता भी चुन लिया गया। सभी सहयोगी दलों को धन्यवाद देते हुए मोदी ने कहा कि आप सबका मुझपर पूरा अधिकार है। आप कभी भी मुझसे संपर्क कर सकते हैं। हम सब मिलकर यह सरकार चलाएंगे। आप सब हमारे लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं, जितने पूर्ण बहुमत न होने पर भी होते। एनडीए के साथियों का परिश्रम बेमिसाल है।
अब दोपहर 2:30 बजे पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलकर सरकार गठन का दावा पेश करेगा। फिर 3:15 बजे खुद भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति से मिलने जाएंगे। संभवत: शपथ ग्रहण की तारीख और स्थल भी प्रस्तावित कर दिया जाएगा। शपथ ग्रहण 25 या 28 मई को हो सकता है। माना जा रहा है कि मोदी मंत्रियों के छोटे समूह के साथ शपथ लेंगे। इसका खाका भी तैयार हो गया है।
मोदी शाम को अपने विधानसभा क्षेत्र मणिनगर के लिए निकल जाएंगे। वहां वह एक जनसभा को संबोधित कर सकते हैं। बुधवार को वह गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। उसके बाद भाजपा विधायक नए मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे। आनंदी बेन पटेल को सीएम की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें