राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी को दिया सरकार बनाने का न्योता, 26 मई को होगा शपथ ग्रहण
नई दिल्ली 
Image Loadingनरेन्द्र मोदी 26 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी। राजनाथ, मोदी को प्रधानमंत्री बनाए जाने का समर्थन व्यक्त करने के लिए राजग नेताओं के साथ राष्ट्रपति से मिलने गए थे।
सिंह ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में कहा कि भाजपा संसदीय दल की बैठक में हमने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके मोदी को अपना नेता चुन लिया है। इस बैठक में राजग के सभी घटक दल भी उपस्थित थे। हमने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि वह प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित करें।
उन्होंने बताया कि भाजपा के पास राजग के घटक दलों के समर्थन के पत्र हैं, जिनके अनुसार उसे लोकसभा के 335 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। उनके अनुसार स्वाभिमानी पक्ष ऑफ महाराष्ट्र का समर्थन पत्र अभी तैयार नहीं था और वह शीघ्र ही इसे राष्ट्रपति को सौंप देगी।
भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह में 3000 लोगों को आमंत्रित करने का प्रस्ताव है। शपथ ग्रहण समारोह के समय की घोषणा शीघ्र की जाएगी। भाजपा संसदीय दल द्वारा सर्वसम्मति से अपना नेता चुने जाने और उसके पश्चात भाजपा तथा उसके सहयोगी दलों की संयुक्त बैठक में राजग का नेता चुने जाने की औपचारिकता पूरी होने के बाद मोदी राष्ट्रपति से मिलने राष्ट्रपति भवन गए।
राष्ट्रपति भवन की विज्ञप्ति में बताया गया कि भाजपा संसदीय दल की ओर से मोदी को अपना नेता चुने जाने तथा लोकसभा चुनावों में बहुमत पाने के चलते राष्ट्रपति ने मोदी को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है तथा उनसे आग्रह किया है कि वह अपनी मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों के नामों की सिफारिश भी भेजें।
राष्ट्रपति के प्रवक्ता वेणु राममणि ने कहा कि राष्ट्रपति 26 मई को शाम 6 बजे राष्ट्रपति भवन में पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाएंगे। मोदी ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में मीडिया से संक्षिप्त बातचीत के दौरान उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त करने संबंधी राष्ट्रपति की ओर से मिला पत्र दिखाया।
इससे पहले, राष्ट्रपति ने मोदी को चुनावों में जबर्दस्त जीत के लिए बधाई दी। मोदी की ओर से भेंट किए गए गुलदस्ते को स्वीकार करते हुए मुखर्जी ने कहा- स्वागत, स्वागत, स्वागत। मुखर्जी ने भी मोदी को फूल भेंट करते हुए उन्हें बड़ी जीत की बधाई दी।
आज का दृश्य 1996 के उस दृश्य से काफी भिन्न था जब तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने अटल बिहारी वाजपेयी को अल्पमत सरकार का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था और वह सरकार 13 दिन बाद गिर गई थी। उसके बाद 1998 तथा 1999 में भी वाजपेयी को तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायणन ने यह संतुष्टी कर लेने के बाद सरकार गठन के लिए आमंत्रित किया कि राजग गठबंधन के दलों के पास सरकार बनाने लायक संख्या है।
आज मोदी के राष्ट्रपति से मिलने से पहले भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण की अगुवाई में राजग नेताओं ने मुखर्जी से भेंट की और मोदी को नेता चुने जाने के भाजपा तथा राजग के संसदीय दलों के निर्णय से अवगत कराया। राष्ट्रपति से मिलने के बाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा के हमने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि वे नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने को आमंत्रित करें।
उन्होंने बताया कि भाजपा के पास राजग के घटक दलों के समर्थन के पत्र हैं जिनके अनुसार उसे लोकसभा के 335 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। उनके अनुसार स्वाभिमानी पक्ष आफ महाराष्ट्र का समर्थन पत्र अभी तैयार नहीं था और वह शीघ्र ही इसे राष्ट्रपति को सौंप देगी। भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह में 3000 लोगों को आमंत्रित करने का प्रस्ताव है।
आज दिन भर के व्यस्त घटनाक्रम में संसद के केन्द्रीय कक्ष में भाजपा संसदीय दल की हुई बैठक में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा संसदीय दल का नेता प्रस्तावित किए जाने और मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और एम वेंकैया नायडु द्वारा अनुमोदित किए जाने पर मोदी ने कहा कि उनकी सरकार गरीबों, गांववासियों, दलितों, शोषितों और वंचितों के लिए समर्पित है और उनके उत्थान के लिए वह काम करेगी।
मोदी ने कहा कि पिछले कुछ समय से निराशा का वातावरण बना है, लेकिन वह कभी निराशावादी नहीं रहे और वह देश को निरशा के इस वातावरण से उबारेंगे।
उसके ठीक बाद राजग ने भी नरेन्द्र मोदी को शक्तिशाली व्यक्तित्व और असाधारण क्षमताओं वाला बताते हुए औपचारिक रूप से अपना नेता चुन लिया और विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में देश खुशहाल बनेगा तथा विश्व में बड़ा दर्जा हासिल करेगा।
सत्ता में आए 29 दलों वाले राजग द्वारा नेता चुने जाने के बाद अपने संक्षिप्त भाषण में मोदी ने कहा कि भाजपा अपने बूते लोकसभा में बहुमत पाने में सफल हुई है, लेकिन राजग के सहयोगी दल उनके लिए उतने ही महत्वपूर्ण रहेंगे। इस बैठक में तेदेपा, अकाली दल, शिव सेना, लोजपा और नगालैंड पीपुल्स फ्रंट आदि राजग के घटक दलों के नेताओं मोदी के नेतृत्व की सरहाना की।

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