कलक्टर ने विद्यालय में गुरुजन की भूमिका में विद्यार्थियों की ली क्लास
जैसलमेर ,
जिला कलक्टर एन.एल.मीना ने सम्बलन कार्यक्रम के अन्तर्गत शनिवार को राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय इ.गा.न.प जैसलमेर में गुरुजन की भूमिका अदा कर विद्यार्थियों की क्लास ली एवं उनसे पाठ पढ़ाया व प्रष्नोत्तरी कर उनके षिक्षा स्तर की जांच परख की। यही नहीं उन्होंने विद्यालय में तीन घंटे बैठ कर कक्षा 8 , 7 एवं 5 वीं में हिन्दी ,अंग्रेजी एवं गणित के पाठ भी पढ़ाए।
जिला कलक्टर मीना ने कक्षा 8 वीं में अंग्रेजी के वाक्य का उच्चारण बालिकाओं से पूछा एवं ब्लैक बोर्ड पर अंग्रेजी का वाक्य लिख कर उसका हिन्दी अनुवाद भी करवाया एवं सही उच्चारण से वाक्य भी पढ़ाया। बालिकाओं द्वारा सही पठन नहीं करने पर उन्होंने षिक्षिका को निर्देष दिए कि वे अंग्रेजी विषय में अधिक मेहनत करें तभी यह बालिकाएँ आंग्ल भाषा में होषियार होगी। उन्होंने बालिकाओं से कहा कि वे घर पर अंग्रेजी का अध्य्यन लगन के साथ करें।
उन्होंने इसी कक्षा में गणित केे सवाल भी बालिकाओं से बोर्ड पर लिख कर करवाए लेकिन बालिकाएँ सही सवाल नहीं कर पायी। यहां पर गणित विषय का अध्यापक भी नहीं होने से गणित में कमजोर बालिकाएँ रही हैं। इस सम्बन्ध में जिला कलक्टर ने षिक्षा विभाग के अधिकारी दलपतसिंह को कहा कि वे इस विद्यालय के पास जो विद्यालय संचालित हैं उसमें गणित व अंग्रेजी के षिक्षक को इन दोनों विद्यालय की कक्षा 8 का कालांष साथ लेने के लिए पाबंद करावें।
जिला कलक्टर ने कक्षा 7 व 5 वीं भी में बालिकाओं के षिक्षा के स्तर की जांच की एवं यहां पर भी गणित ,अंग्रेजी एवं हिन्दी के पाठ पढ़ाए एवं ब्लैकबोर्ड पर प्रष्नोत्तर भी उनसे करवाए। कई बालिकाएँ सही उत्तर दे पायी कुछ बालिकाएं प्रष्न हल नहीं कर सकी। उन्होंने षिक्षिकाओं को कहा कि वे बालिकाओं को हिन्दी में सही उच्चारण एवं व्याकरण का ज्ञान कराएं। उन्होंने गणित विषय में भी कड़ी मेहनत करवाने के निर्देष दिए।
जिला कलक्टर ने विद्यालय में बालिकाओं के षिक्षा के स्तर के प्रति असंतौष जताया एवं निर्देष दिए कि वे हर विषय में मेहनत करवा कर बालिकाओं के षिक्षा स्तर में सुधार लाएं। इस दौरान षिक्षा विभाग के अधिकारी दलपतसिंह भी साथ में थे उन्होंने भी बालिकाओं से सवाल-जवाब किए।
जिला कलक्टर ने मिड-डे-मील पौषाहार व्यवस्था का भी जायजा लिया एवं वहां बने हुए रोटी एवं सब्जी को भी चखा। उन्होंने रोटियों को गैस पर सही ढंग से पक्काने के भोजन बनाने वाली महिलाओं को निर्देष दिए। उन्होंने पौषाहार के स्टाॅक का भी अवलोकन किया। उन्होंने बालिकाओं से भी पौषाहार के बारे में जानकारी ली।
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