किन्नरों को तीसरे लिंग का दर्जा, नौकरियों में मिलेगा आरक्षण
नई दिल्ली।
एतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने किन्नरों को थर्ड जेंडर के रूप में पहचान दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि किन्नरों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के रूप में माना जाए।कोर्ट ने किन्नरों को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण देने के लिए कहा है। साथ ही उन्हें मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए भी कहा गया है। कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनमें कहा गया है कि किन्नरों को पुरूष और महिला के अलावा तीसरे लिंग के रूप में पहचान दी जाए।फैसला सुनाते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किन्नरों का दर्जा विकृत हुआ है। अब वक्त आ गया है कि उनके दर्जे को पुरूषों और महिलाओं के दर्जे के समान लाया जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सामाजिक रूप से प्रगतिशील बताते हुए वरिष्ठ वकील कोलीन गोंजालविस ने कहा,यह किन्नरों के लिए खुशी का दिन है। वे बराबरी के हक के लिए लड़ाई लड़ रहे थे।
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