चुनाव में राजकीय कार्मिकों के राजनीतिक गतिविधियों में लिप्तता पर कारावास

बाडमेर,
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अन्तर्गत लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान भ्रष्ट आचरण और कार्यो की अवहेलना को संज्ञेय अपराध की श्रेणी मे रखते हुए कई दण्डात्मक प्रावधान किये गये है। साथ ही इसमें निष्पक्ष व तटस्थ निर्वाचन के कई महत्वपूर्ण प्रावधान है।
जिला निर्वाचन अधिकारी भानु प्रकाष एटूरू के अनुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अन्तर्गत विभिन्न दण्डनीय अपराध चिन्हित किये गये है। इनमें निर्वाचन से सम्बन्ध में भारतीय नागरिकों को वैमनस्यता या शत्रुता में सपरिवर्तित (प्रोमोट) करने या ऐसा प्रयास करने वाले को धारा 125 के तहत तीन वर्ष के कारावास, जुर्मानें या दोनो के प्रावधान है। इसी प्रकार निर्वाचन ड्यूटी में नियुक्ति कार्मिकों के द्वारा किसी उम्मीदवार के लिए कार्य करने व मत को प्रभावित करने को धारा 129 के तहत 6 माह का कारावास, जुर्माना अथवा दोनों, मतदान दिवस को मतदान केन्द्रो के भीतर या 100 मीटर की दूरी के भीतर किसी सार्वजनिक या निजी स्थान में मत संयाचना करने पर धारा 130 के तहत 250 रूपयें का जुर्माना, निर्वाचन से संसन्त कर्तव्यों को भंग करने में धारा 134 के तहत 500 रूपयें के जुर्मानें, मतदान केन्द्रों में मत पत्रों को हटाने या उत्प्रेरित करने के मामलें में धारा 135 के तहत 1 वर्ष के कारावास या जुर्मानें अथवा दोनों का प्रावधान है। 
इसी प्रकार बूथ से बलात ग्रहण अपराध के लिए किसी व्यक्ति के लिए धारा- 135क के तहत कम से कम 1 वर्ष और अधिकतम 3 वर्ष तक कारावास तथा जुर्मानें एवं इसी कृत्य के लिए सरकारी सेवकों के लिए 3 से 5 वर्ष तक कारावास या जुर्मानें का प्रावधान है। इसी प्रकार नाम निर्देशित आवेदनों को विषमित करने या नष्ट करने, मत पत्र के शासकीय चिन्ह अस्तित्व की घोषणा, लिफाफों आदि को कपटतापूर्ण नष्ट करने, मतपेटी में मतपत्र के अलावा अन्य चीजे डालने, किसी चुनाव की सूची, सूचना पत्र या दस्तावेज को विरूपित या नष्ट करने, खोलने या अन्य आकार से हस्तक्षेप के मामलें में धारा 136 के तहत अन्य व्यक्तियों के लिए 6 माह का कारावास या जुर्माना अथवा दोनों, जबकि निर्वाचन में संसक्त पदीय कर्तव्य करने वाले कार्मिकों 2 वर्ष का कारावास या जुर्माना या दानों से दण्डित करने का प्रावधान है। 
इसी प्रकार धर्म, मूल, वंश स्थान, जन्म स्थान, आवास, भाषा आदि के आधार पर भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गो में शत्रुता पैदा करनें के लिए धारा 153 के तहत तीन वर्ष का कारावास या जुर्माना या अथवा दोनों, पूजा स्थलों पर अपराध के लिए 5 वर्ष के कारावास और जुर्मानें का प्रावधान है। इसी प्रकार राष्ट्रीय अखण्डता को आपेक्षिता के लिए धारा 153 ख के तहत 3 वर्ष का कारावास व जुर्माना, यही अपराध उपासना अथवा धार्मिक स्थल पर करने पर 5 वर्ष तक का कारावास या जुर्मानें का प्रावधान है। 
जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घण्टों की कालावधि में सार्वजनिक सभाएं आदि करने पर धारा 126 के तहत 2 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित करने का प्रावधान है। इसी प्रकार मतदान केन्द्र के भीतर अवचार करना, पीठासीन अधिकारी के विधिपूर्ण आदेशों को नही मानने पर धारा 132 के तहत 3 माह तक का कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित करने का प्रावधान है। सरकारी सेवक द्वारा निर्वाचन अभिकर्ता अथवा 
मतदान अभिकर्ता या गणन अभिकर्ता के रूप में कार्य करने पर धारा 134क के तहत तीन माह तक का कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित करने का प्रावधान है। 
इसी प्रकार मतदान के दिन कर्मचारियों को संवेतन अवकाश की मंजूरी नही देने पर धारा 135ख के तहत 500 रूपयें जुर्माने का प्रावधान है। इसी प्रकार मतदान क्षेत्र में मतदान समाप्त होने के लिए नियत समय के साथ समाप्त होने वाली 48 घण्टे की अवधि के दौरान शराब या वैसी ही प्रकृति का अन्य मादक पदार्थ विक्रय करने, देने एवं वितरित करने पर धारा 135 ग के अन्तर्गत 6 माह तक का कारावाय या 2 हजार रूपयें का जुर्माना या दोनो से दण्डित करने का प्रावधान है।

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