बाड़मेर घूंघट में परवान चढ़ रहा है चुनाव प्रचार
बाड़मेर 
चर्चित लोकसभा सीट बाड़मेर में मतदाताओं को लुभाने व रिझाने के लिए कांग्रेस व बीजेपी उम्‍मीदवार स्टार प्रचारकों में नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, वसुंधरा राजे को लाकर सभाएं करवा रहे हैं. इन सबसे अलग हटकर निर्दलीय उम्‍मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे पूर्व वित्त व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के परिवार की प्रमुख दो महिलाओं ने घूंघट में पूरे प्रचार की कमान संभाल रखी है.
पश्चिमी राजस्थान में बहुओं के धूमधाम से वोट मांगने की परंपरा नही हैं, लेकिन इस बार के चुनावों में सवाल वोट का नहीं सम्‍मान का है. इन बहुओं ने लंबे-चौड़े घूंघट में ही अपने पति व ससुर का प्रचार करना शुरू कर दिया है. गांवों में पुरुषों की मौजूदगी में इन घूंघटधारी महिलाओं द्वारा न केवल अपने पति व ससुर के लिए वोट मांगे जा रहे हैं बल्कि यहां की समस्याएं हल करने का भी वादा किया जा रहा है.
मानवेंद्र सिंह की पत्‍नी चित्रा ने पूरे बाड़मेर की बागडोर संभाल रखी है. वो रोज एक दर्जन से ज्यादा गांवों का दौरा करके मतदाताओं से अपने ससुर को वोट देने की गुहार लगा रही हैं. लंबा-लंबा घूंघट निकाले हुए चित्रा सिंह की सभाओं में भारी भीड़ उमड़ रही है. गांव की महिलाओं के बीच भी इनका घूंघट नही उठता है. चित्रा सिंह ही नहीं उनकी सास यानी जसवंत सिंह की पत्‍नी शीतल कंवर भी चुनाव प्रचार में व्‍यस्त हैं.
ये सास-बहू लंबे-लंबे घूंघट में सुबह से शाम तक गांव-गांव धूम कर पति व ससुर के लिए वोट मांग रही हैं. मानवेंद्र की पत्‍नी चित्रा शहर में पढ़ी-लिखी व फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती हैं. घूंघट में प्रचार के संबंध में कहती हैं कि शुरू-शुरू में परेशानी होती थी, लेकिन अब तो आदत बन गई हैं. घूंघट में ही हर जगह जाना पड़ता हैं, घूंघट में ही महिलाओं व ग्रामीणों से बात करती हैं.
बीजेपी से निष्कासन के बाद आम बीजेपी कार्यकर्ता जसवंत सिंह साथ में नहीं हैं उनके बेटे व बीजेपी विधायक मानवेंद्र सिंह निर्दलीय उम्‍मीदवार का चुनाव प्रचार न करने के लिए मजबूर हैं, ऐसे में जसवंत सिंह के पूरे प्रचार की कमान उनकी पत्‍नी शीतल कंवर और बहू चित्रा सिंह ने संभाल रखी है. शीतल कंवर अपने परिवार की मान मर्यादा में अनुरूप घूंघट में पूरे जैसलमेर के कोने-कोने में घूमकर अपने पति के लिए वोट मांग रही हैं. शीतल के अनुसार अब यह लड़ाई मान-सम्‍मान की हो गई है.

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