अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकथाम को पुख्ता प्रबन्ध होंगे

बाड़मेर 24 अप्रेल। जिले में अक्षय तृतीया अथवा आखातीज के मौके पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए पुख्ता प्रबन्ध किए गए है। इस सामाजिक कुरीति के विरूद्ध समझाईश तथा कानूनी प्रावधानों के व्यापक प्रचार प्रसार पर जोर दिया गया है। इस वर्ष अक्षय तृतीया 2 मई को मनायी जाएगी। 

जिला कलेक्टर भानु प्रकाष एटूरू ने बताया कि अक्षय तृतीया के पर्व पर विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाहों के आयोजन की आशंका रहती है। उन्होने संबंधित अधिकारियों को अक्षय तृतीया के अवसर पर जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में बाल विवाह को रोकने के लिए अभियान चलाया जाकर तहसील व गांव स्तर पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दायित्व सौपने तथा घर-घर, गांव-गांव में बाल विवाह रोकने का सन्देश पहुंचाने तथा जन चेतना जागृत करने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है ताकि बाल विवाह जैसी कुरीति पर प्रभावी रोक लग सके। साथ ही उन्होने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधनों की आम जनता को जानकारी प्रदान करने हेतु व्यापक प्रचार प्रसार के माध्यम से जन जागृति उत्पन्न करके बाल विवाह की रोकथान हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। 

उन्होने अक्षय तृतीया के पर्व पर अधीनस्थ कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों, फिल्ड स्टाफ की जिम्मेवारी व जवाबदेही निर्धारित करते हुए उनके क्षेत्र में बाल विवाह होने की घटना होने पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए है।

जिला मजिस्टेªट ने जिले के उपखण्ड मजिस्टेªट्ों को अक्षय तृतीया के पर्व पर होने वाले बाल विवाह की रोकथाम हेतु अपने अधिनस्थ सभी तहसीलदारों, भू अभिलेख निरीक्षकों व पटवारियों को निर्देर्शित करने तथा उनके कार्यालय में नियन्त्रण कक्ष स्थापित कर उनके क्षेत्र में आयोजित होने वाले समस्त विवाहों की सूचना एकत्रित करने तथा वर वधु की आयु अंकित करने के निर्देश दिए है ताकि उन विवाहों के दौरान होने वाले बाल विवाहों पर पूरी निगरानी रखी जा सकें एवं बाल विवाहों की प्रभावी रोकथाम की जा सकें। उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अन्तर्गत सभी उपखण्ड अधिकारियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी बनाया गया है, जो बाल विवाह रोकने के संबंध में कोई शिकायत अथवा सूचना प्राप्त होने पर संबंधित दोषी व्यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे। 

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