नई दिल्ली।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने लोकसभा चुनावों में बाडमेर से भाजपा का टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह को नेतृत्व का फैसला मुस्कराते हुए स्वीकारने की नसीहत दी है।
जेटली ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि पार्टी की सामूहिक बुद्धिमत्ता किसी भी नेता के विचारों और आकांक्षाओं से ऊपर होती है। किसी नेता को चुनाव लड़ने का टिकट नहीं मिलना पार्टी के प्रति उसकी वफादारी और अनुशासन की परीक्षा होता है इसलिए उसे इसे मुस्कराते हुए स्वीकार करना चाहिए।
उन्होंने सिंह का नाम लिए बिना कहा कि ऎसी स्थिति में खामोशी ज्यादा सम्मानजनक और गरिमामय होती है। जेटली ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल लाखों कार्यकर्ताओं के समर्थन पर खड़ा होता है जो किसी पद की इच्छा रखे बिना अपना समय और ऊर्जा लगाते हैं। अगर किसी नेता को पार्टी एक बार टिकट देने में असमर्थ रहती है तो उसे सामूहिक नेतृत्व के फैसले का सम्मान करना चाहिए।
सिंह ने भाजपा का टिकट नहीं मिलने के बाद बाडमेर से निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। मगर उन्होंने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है और वह अपने सहयोगियों से विचार विमर्श के बाद इस बारे में फैसला करेंगे।
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