मुमुक्षु पिंकी छाजेड़ के ऐतिहासिक वर्षीदान वरघोड़े में उमड़ा जन सैलाब

सियाणी। 
मरूधरा की धन्य धरा थार नगरी बाड़मेर के समीपवर्ती सियाणी नगर में मुमुक्षु पिंकी छाजेड़ की भागवती दीक्षा महोत्सव के दूसरे दिन भव्यातिभव्य एवं ऐतिहासिक वर्षीदान वरघोड़े में श्रद्धालुओं का भारी जन सैलाब उमड़ पड़ा।
सियाणी जैन श्री संघ के अध्यक्ष बाबुलाल छाजेड़ ने बताया कि आज प्रातः 10 बजे पूज्य प्रवचनकार पल्लीवल श्री मणिरत्नसागरजी म.सा., लाभमुनि आदि की पावन निश्रा में एवं विचक्षणमणि, मातृ हृदया गुरूवर्या श्री सुरंजनाश्रीजी आदि ठाणा के पावन सानिध्य में सियाणी नगर में प्रथम बार होने जा रहे दीक्षा महोत्सव में भव्यातिभव्य वर्षीदान वरघोड़ा निकाला गया।
बुधवार प्रातः 10 बजे मुमुक्षु पिंकी छाजेड़ के निवास से पूज्य गुरूवर एवं गुरूवर्या के मंगलाचरण से वर्षीदान वरघोड़े का आगाज हुआ। वर्षीदान का वरघोड़ा मुमुक्षु के निवास से प्रारम्भ होकर मुख्य बाजार, स्टेशन रोड़, होमगार्ड रोड़ एवं पूरे नगर का भ्रमण करता हुआ सुखसागर विचक्षण संयम वाटिका पहुंचा।
इस ऐतिहासिक वरघोड़े में जगह-जगह विभिन्न एवं रंगीन रंगों से रंगोली बना रहे थे, हाथों में बैनर लिए चल रहे थे, ढोल पार्टी, इन्द्र ध्वजा का रथ, भारत वर्ष के सुप्रसिद्ध बैण्ड अपनी मधुर स्वर लहरीयों से वातावरण को धर्ममय बना रहे थे, ऊंट, घोड़े पर सवार जैन ध्वज लिये बालक चल रहे थे। बाद में बेड़ा, गैर नृत्य कलाकारों द्वारा नृत्य गुरूदेव का रथ, बालक बालिकाओं द्वारा पताका लिये चल रहे थे, इसके बाद अष्टमंगल रथ चल रहा था। इनके बाद पूज्य गुरूवर, बाद में सफेद पोषाक एवं साफा एवं गले में दुपट्टे से सुसज्जित पुरूष वर्ग जयकारों के साथ चल रहे थे। इसके बाद में बालिका मण्डल द्वारा नृत्य हो रहा था। इसके बाद पूज्य गुरूवर्या श्री सुरंजनाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा चल रहे थे, उनके बाद मंगल कलश धारण किए एवं मंगल गीत गाती हुई महिलाएं चल रही थी। तोप से जगह-जगह पुष्प वर्षा हो रही थी, शहनाई वादक शहनाई के द्वारा चल रहे थे, इसके बाद में मुमुक्षु पिंकी छाजेड़ का फूलों से सुसज्जित रथ था उसमें मुमुक्षु पिंकी छाजेड़ ने अपने दोनों हाथों से हीरे-जवाहरात, अक्षत, रूपये, कपड़े इत्यादि का वर्षीदान कर लोगों का आर्षीवाद एवं अभिवादन किया। सड़क के दोनों तरफ सैकड़ों की कतार में श्रद्धालु मुमुक्षु का अक्षत की गहुलियों एवं पुष्प वर्षा से स्वागत एवं अभिवादन कर रहे थे। इनके पीछे बाद में परमात्मा का रथ, उनके पीछे सुसज्जित रथ में दीक्षार्थी के परिवारजन हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन कर रहे थे, बाद में भजन मण्डली एवं झांकियों सहित पूरा वरघोड़ा आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था। दीक्षा का ऐसा ऐतिहासिक एवं भव्य वर्षीदान का वरघोड़ा ने लोगों ने पहली बार देखकर अनुमोदना की।
इस अवसर पर मालेगांव, इचलकरणजी, पाली, जोधपुर, मुम्बई, अहमदाबाद, सूरत, तमिलनाडु, बाड़मेर, बालोतरा, चैहटन, धोरीमन्ना, भादरेश, बिशाला, हरसाणी, भाड़खा, सिणधरी सहित कई जगह से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर दीक्षार्थी के प्रति अपनी अनुमोदना व्यक्त की। 
सुखसागर विचक्षण संयम वाटिका पहुंचने पर मुमुक्षु के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो गया। सभी ने मिलकर उनकी अनुमोदना की। यहां पर धर्मसभा आयोजित हुई। धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए गुरूवर्या सुरंजनाश्रीजी म.सा. ने कहा कि संयमी की साधना कर्मक्षय हेतु होती है। साधना से आत्मा-परमात्मा बनती है। जिसकी अन्तर्रात्मा में परमात्मा ज्योति विराजमान हो जाती है वो आत्मा सदैव परमात्मा को प्राप्त करने की कोशिश में रहता है।
साध्वी सिद्धांजनाश्री ने कहा कि आज इन दीक्षार्थियों को देखकर सभी को संस्कार का बोध हुआ होगा। प्रवचनकार मणिरत्नसागर ने कहा कि संयम लेने के लिए तत्पर बने संसार छोड़कर हमें भी इन्हें देखकर कुछ न कुछ त्याग करना चाहिए। धर्मसभा को लाभमुनि ने भी सम्बोधित किया।
दोपहर में श्री भक्ताम्बर महापूजन का आयोजन हुआ जिसका लाभ मटका देवी स्व. शंकरलाल संखलेचा एवं कमला देवी शंकरलाल बोहरा परिवार ने लिया। इसके बाद मेहंदी वितरण एवं झूले का कार्यक्रम हुआ। इसी तरह शाम को मुमुक्षु पिंकी द्वारा कुमारपाल महाराज की आरती, बंदोली व रात्रि में भक्ति संध्या एवं अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया गया।
भूरचन्द छाजेड़ ने बताया कि कार्यक्रम के तीसरे एवं अंतिम दिन 13 फरवरी को प्रातः 7 बजे पाट बिठाना, थाल लुटाना एवं वर्षीदान के साथ घर से विदाई, संयम के लिये प्रस्थान, दीक्षा मण्डप में प्रवेश के बाद शुभ मुहूर्त में दीक्षा विधि का मंगल विधान प्रारम्भ होगा। मध्यान्ह में लघु शांति स्नात्र पूजा इत्यादि कार्यक्रम होंगे। इन तीनों दिनों में सुबह नाश्ता, नवकारसी, सायं नवकारसी इत्यादि कार्यक्रम का लाभ विभिन्न लाभार्थियों द्वारा लिया गया है।
इस दीक्षा महोत्सव को लेकर पूरे सियाणी नगर में हर्षोल्लास एवं उमंग का माहौल है। पूरे नगर को विभिन्न तोरण द्वारों, होर्डिंग एवं आकर्षक रोशनी से सजाया गया है। देश के विभिन्न भागों से हजारों श्रद्धालु दीक्षा महोत्सव में शरीक होंगे।
इस दीक्षा समारोह में अतिथि के रूप में बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, जोधपुर शहर विधायक कैलाश भंसाली, शिव विधायक कर्नल मानवेन्द्रसिंह, पाली विधायक ज्ञानचन्द पारख, बाड़मेर नगर परिषद् सभापति उषा जैन, नाकोड़ा ट्रस्ट अध्यक्ष एडवोकेट अमृतलाल जैन, कुशल वाटिका ट्रस्ट अध्यक्ष भंवरलाल छाजेड़, चितलवाना के प्रधान लक्ष्मीचन्द गांधी, बाड़मेर उप प्रधान मोतीलाल मालू, जैन श्री संघ, बाड़मेर के अध्यक्ष नैनमल भंसाली, अखिल भारतीय खरतरगच्छ महासंघ के उपाध्यक्ष रिखबदास मालू, ब्रह्मसर ट्रस्ट अध्यक्ष दानमल डूंगरवाल, बाड़मेर जैन समाज जोधपुर के अध्यक्ष वेदमल मालू, बाड़मेर जैन समाज नवसारी के अध्यक्ष मांगीलाल बोथरा सहित अनेक संघों, ट्रस्टों एवं संगठनों के अध्यक्ष शिरकत करेंगे।

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